आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर अयोध्या के दौरे पर हैं. उन्होंने कहा था कि वो अपनी ओर से मंदिर विवाद में मध्यस्थता करने 16 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और सभी पक्षकारों से मिलेंगे. उन्होंने कहा था, मेरा इस मुद्दे पर कोई एजेंडा नहीं है और अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान सभी की बातें सुनूंगा. लेकिन उनके इस दौरे से बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
वेदांती ने कहा है कि 'मध्यस्थता कराने वाले श्री श्री रवि शंकर होते कौन हैं? उन्हें अपना एनजीओ चलाते रहना चाहिए और विदेशी फंड जुटाना चाहिए. मुझे लगता है उन्होंने काफी संपत्ति जोड़ ली है और जांच से बचने के लिए वो राम मंदिर विवाद में कूद पड़े हैं.'
उन्होंने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर सुलह समझौता तभी होगा, जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और रामजन्मभूमि न्यास चाहेगा.
Who is Sri Sri Ravi Shankar to mediate? He should continue running his NGO & hoarding foreign funds, I believe he has amassed a lot of wealth & to avoid a probe he has jumped into #RamTemple issue: Former BJP MP Ram Vilas Vedanti pic.twitter.com/OovKekDhW9
— ANI UP (@ANINewsUP) November 16, 2017
श्री श्री रविशंकर के अयोध्या दौरे पर उन्होंने कहा कि उनका स्वागत है. जैसे हर कोई भगवान राम के दर्शन को आते हैं, वह भी आएं. लेकिन सुलह के प्रयासों से पहले उन्हें न्यास और संघ से मिलना होगा.
उन्होंने कहा कि श्रीश्री रविशंकर आ रहे है तो मंदिर निर्माण के लिए समझौता करें लेकिन अयोध्या में मस्जिद को लेकर कोई समझौता नहीं किया जायेगा. डॉ वेदांती ने कहा कि मध्यस्थता करने के लिए उनका कोई अधिकार नहीं है.
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