भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में मंगलवार को पुणे पुलिस ने देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की. इस छापेमारी में तीन सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और दो को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने इन लोगों के लैपटॉप, मोबाइल और कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं. पुलिस ने दावा किया है कि इन पांचों लोगों के तार कई बड़े नक्सलियों से जुड़े हो सकते हैं. आइए जानते हैं जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार और हिरासत में लिया है, वो कौन हैं और उनका काम क्या है..
सुधा भारद्वाज
सुधा भारद्वाज एक नागरिक अधिकार कार्यकर्ता हैं. भारद्वाज पिछले तीन दशक से छत्तीसगढ़ में कार्य कर रही हैं. भारद्वाज पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी की जनरल सेक्रेटरी भी हैं. यह संगठन छत्तीसगढ़ में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ काम करता है. इसके साथ ही सुधा भारद्वाज नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एक गेस्ट फ़ैकल्टी के रूप में पढ़ा रही हैं.
वरवर राव
हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए वरवर राव कवि होने के साथ-साथ वामपंथी बुद्धिजीवी भी हैं. राव यूजी और ग्रेजुएट के स्टूडेंट्स को तेलुगु साहित्य पढ़ाते हैं.
वर्णन गोंजालविस और अरुण फेरीरा
वर्णन गोंजालविस और अरुण फेरीरा मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता हैं. गोंजालविस को इससे पहले भी 2007 में गिरफ्तार किया जा चुका है. ये पूर्व में बिजनेस ऑर्गनाइजेशन के प्रोफेसर भी रह चुके हैं. जबकि फेरीरा एक लेखक और कार्यकर्ता हैं.
गौतम नवलखा
नवलखा एक नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार हैं. नवलखा ने मानवाधिकार पर छत्तीसगढ़ और कश्मीर में काफी काम किया है. इसके साथ ही साथ ये इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में लेख भी लिखा करते हैं.
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