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WhatsApp का आरोप- प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करती हैं भारत की राजनीतिक पार्टियां

डर है कि पार्टी के कार्यकर्ता वोटरों को लुभाने और गलत खबर फैलाने के लिए बल्क मैसेजिंग करने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स का सहारा ले सकते हैं

Updated On: Feb 07, 2019 03:07 PM IST

FP Staff

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WhatsApp का आरोप- प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करती हैं भारत की राजनीतिक पार्टियां

वॉट्सऐप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया है कि भारत की राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनावों से पहले इस प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रही है. कंपनी की ओर से इन्हें ऐसा न करने की चेतावनी दी गई है.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, वॉट्सऐप के एक टॉप एक्जीक्यूटिव ने बुधवार को ये आरोप लगाए. हालांकि, कंपनी की ओर से किसी खास पार्टी का नाम या प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल के तरीकों के बारे में नहीं बताया गया लेकिन डर है कि पार्टी के कार्यकर्ता वोटरों को लुभाने और गलत खबर फैलाने के लिए बल्क मैसेजिंग करने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स का सहारा ले सकते हैं.

वॉट्सऐप के हेड ऑफ कम्यूनिकेशन्स कार्ल वूग ने कहा कि 'हमने कुछ पार्टियों को हमारे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल उन तरीकों से करते हुए पाया है, जो हमारा उद्देश्य नहीं था. हमारा उन्हें ये कड़ा संदेश है कि वो ये ऐसा न करें क्यों कि इससे हम सर्विसें बैन कर देंगे.'

वूग ने बताया कि इस संबंध में बात करने के लिए उन्होंने पॉलिटिकल पार्टियों से मुलाकात करके कंपनी का रुख भी स्पष्ट किया था कि कंपनी ब्रॉडकास्ट प्लेटफॉर्म नहीं है, तो इसका इस्तेमाल ऐसे न किया जाए. हालांकि, बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने जहां सीधे-सीधे मना कर दिया है कि वॉट्सऐप की ओर से उनसे किसी ने मुलाकात नहीं की है. वहीं कांग्रेस आईटी सेल की हेड दिव्य स्पंदना ने कहा है कि कांग्रेस इस प्लेटफॉर्म को अब्यूज नहीं करती है.

भारत में राजनीतिक पार्टियों के लिए वॉट्सऐप प्रचार का बड़ा माध्यम बनकर उभरा है. खासकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इसका उपयोग बड़े स्तर पर करती हैं. हालांकि दोनों पार्टियों की ही ओर से एक-दूसरे पर आरोप लगाया जाता है कि वो इसका उपयोग प्रोपगैंडा फैलाने के लिए कर रही हैं

वॉट्सऐप पर दोनों ही पार्टियों के समर्थन और विरोध में झूठी-सच्ची खबरें और अफवाहें फैलाई जाती हैं. पिछले एक-दो सालों में ये प्रवृत्ति बहुत ज्यादा बढ़ी है. यहां तक कि वॉट्सऐप की खबरों की वजह से भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी हो चुकी हैं.

 

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