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व्यक्ति ने RTI से पूछा: मेरा ब्लड ग्रुप क्या है?

आवेदनकर्ता ने अपना ब्लड टेस्ट कराया था जिसमें अलग-अलग ब्लड ग्रुप बताए गए, इसके बाद उसने आरटीआई के जरिए सीआईसी से ही जानकारी मांग ली

Updated On: May 22, 2018 10:26 PM IST

Bhasha

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व्यक्ति ने RTI से पूछा: मेरा ब्लड ग्रुप क्या है?

एक व्यक्ति ने विभिन्न जांचों में अपने ब्लड ग्रुप समूह के बारे में अलग-अलग नतीजा आने के बाद आरटीआई के माध्यम से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) से एक विचित्र लेकिन ‘ गंभीर ’ सवाल पूछ लिया है कि उसका ब्लड ग्रुप क्या है?

राहुल चित्रा ने सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त यशोवर्द्धन आजाद के समक्ष कहा, ‘अगर आपात स्थिति के दौरान खून चढ़ाने की जरूरत हुई तो किस ब्लड ग्रुप का खून मुझे दिया जाएगा?’ सूचना आयुक्त ने इस बात पर गौर किया कि आवेदक द्वारा उठाया गया मुद्दा गंभीर प्रकृति का है और यह चित्रा के जीवन से संबंधित है.

उन्होंने कहा, ‘राहुल चित्रा के ब्लड ग्रुप को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. यह गंभीर सवाल है कि आपात स्थिति में उन्हें किस ब्लड ग्रुप का खून दिया जाएगा. यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मांगी गई सूचना उनके जीवन के अधिकार से संबंधित है.’

एम्स कर सकता है उचित जांच

आजाद ने एमसीआई की दलीलों को खारिज कर दिया कि यह आरटीआई कानून के तहत ‘सूचना’ की परिभाषा के तहत नहीं आती है. उन्होंने सीपीआईओ से आवेदन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक को भेजने को कहा. उन्होंने कहा, ‘एम्स एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है जो इस तरह के विशेष मामलों में शोध करता है. आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि एम्स उचित जांच कर सकता है और आवेदक को सूचित कर सकता है.’ उन्होंने एम्स निदेशक को जरूरी कदम उठाने और उसी अनुसार आवेदक को सूचित करने का निर्देश दिया.

राहुल चित्रा ने अपने एक परिचित के जरिए एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया था. यह आवेदन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को संबोधित था. आवेदन में विभिन्न सरकारी अस्पतालों और निजी लैब में की गई अलग-अलग जांच की रिपोर्ट शामिल हैं. इनमें उसके ब्ल्ड ग्रुप के बारे में ‘बिल्कुल अलग-अलग नतीजे’ बताए गए. उसने दावा किया कि कुछ जांच में खुलासा किया गया कि उसका आरएच फैक्टर पॉजिटिव है जबकि कुछ अन्य में यह नेगेटिव पाया गया.

रीसस (आरएच) फैक्टर एक वंशानुगत प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है. अगर किसी व्यक्ति के रक्त में यह प्रोटीन होता है तो कहा जाता है कि उसका आरएच फैक्टर पॉजिटिव है. अगर रक्त में वह प्रोटीन नहीं है तो यह आरएच नेगेटिव होगा. आरएच पॉजिटिव सर्वाधिक आम ब्लड ग्रुप है.

अलग-अलग बता रहे ब्लड ग्रुप

एमसीआई ने यह कहते हुए आवेदन को खारिज कर दिया कि इसमें केंद्रीय सूचना अधिकारी की राय जानने की कोशिश की गई है, जो ‘आरटीआई अधिनियम के तहत ‘सूचना’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आती है.’ आरटीआई आवेदक चित्रा केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि उनका आगरा में चार पैथोलॉजिकल लैब और जिला अस्पताल में रक्त परीक्षण हुआ.

जांच में दर्शाया गया कि उनके दो तरह के रक्त समूह हैं- बी पॉजिटिव और बी नेगेटिव. उन्होंने कहा कि दिल्ली के पंत अस्पताल में की गई जांच में उनका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव पाया गया.

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