हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
इंडिया और अमेरिका की दोस्ती कॉम्प्लिकेटेड है और फिलहाल जो सिचुएशन है, उसे देखें तो कह सकते हैं कि ये दोस्ती अपने खराब दौर से गुजर रही है. ऐसे में सबकी नजरें 6 सितंबर को होने वाले इंडिया-अमेरिका टू+टू डायलॉग पर हैं. उम्मीद तो कम है कि हालात बदलेंगे लेकिन बातचीत करके आगे बढ़ना अच्छा कदम है.
जानिए इस मीटिंग से जुड़ी जरूरी बातें
- इस टू प्लस टू डायलॉग का मतलब है कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अमेरिकी समकक्षों अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ एक द्विपक्षीय बातचीत में हिस्सा लेंगी.
- ये मीटिंग खुद में काफी अलग और ऐतिहासिक है और भारतीय-अमेरिकी संबंधों के लिए काफी अहम भी. ये याद रखिए कि ये मीटिंग तब हो रही है जब अमेरिका ने इस वक्त भारत पर दो प्रतिबंध लगा रखे हैं. पहला ईरान से तेल खरीदने पर रोक, दूसरा रूस से हथियार खरीदने पर रोक. इस मीटिंग में भारत इन मुद्दों का हल ढूंढने की कोशिश करेगा.
- अमेरिका दो बार इस मीटिंग को टाल चुका है. ये मीटिंग पहले अप्रैल में होनी थी, फिर जून में और अब आखिरकार ये 6 सितंबर को होने वाली है. ये मीटिंग अबसे हर साल होगी और दोनों देश अल्टरनेटिवली इसे होस्ट करेंगे.
- इस मीटिंग को दोनों देशों के बीच स्ट्रेटजिक रिलेशन्स मजबूत करने के जरिए के तौर पर देखा जा रहा है.
- इस मीटिंग में दोनों देशों के रक्षा सहयोग को बढ़ाने और दोनों देशों की सेनाओं का ज्वॉइंट मिलिट्री ऑपरेशन शुरू होने की बात है. यहां एक ऐसे समझौते पर भी साइन हो सकते हैं जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच कम्यूनिकेशन आसान हो जाएगा.
- भारत इस मौके पर एच-वनबी वीजा जैसा अहम मुद्दा भी उठा सकता है.
- इसके अलावा भारत-अमेरिका अफगानिस्तान क्राइसिस पर भी बात करेंगे.
- अमेरिका चीन से मुकाबला करने के लिए भारत को अपने साइड करना चाहता है और ये भी चाहता है कि भारत रूस से दूरी बना ले. ऐसे में ये मीटिंग दोनों देशों के लिए अपने-अपने इंट्रस्ट जाहिर करना और सामने वाले की स्थिति भांपने के लिए काफी अहम है. भारत को इस मीटिंग में काफी मजबूत मौजूदगी दर्ज करनी होगी.