सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की लाउडस्पीकर से बैन हटाने की याचिका को खारिज कर दिया है. ये बैन राज्य में ममता बनर्जी सरकार की तरफ से 2013 में लगाया गया था. न्यूज 18 के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा, चुनावी रैलियों से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई जरूरी है.
दरअसल ये बैन फरवरी और मार्च के महीने में बच्चों की स्कूल परीक्षा को ध्यान में रखते हुए रिहायशी इलाकों में लगाया गया था. बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई का आरोप है कि ये बैन इसलिए लगाया गया है ताकि आने वाले चुनावों के लिए बीजेपी चुनाव प्रचार न कर सके.
दरअसल इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने एक अधिसूचना भी जारी की थी जिसमें स्कूल परीक्षा के दौरान राज्य में माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था. बीजेपी ने इसी आदेश को चुनौती दी थी.
बीजेपी ने अपनी याचिका में कहा था, चुनाव के दौरान, विशेषकर आम चुनावों के समय लागू की गई अधिसूचना, पर्यावरण कानून के वैध दायरे से बाहर है.
क्या है बीजेपी का आरोप?
बीजेपी का कहना है कि प्रदूर्षण नियंत्रण बोर्ड एक तय सीमा तक माइक और लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देता है लेकिन राज्य सरकार 90 डेसीबल से कम आवाज में भी माइक बजाने की इजाजत नहीं दे रही. और तो और वो पूरे राज्य में किसी भी तरह का लाउडस्पीकर या माइक बजाने पर रोक लगा रही है, ये सोची समझी रणनीति है.
ये दूसरी बार है जब बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले SC ने राज्य सरकार के रथयात्रा पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था.
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