इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एपल के क्षेत्रीय प्रबंधक विवेक तिवारी की हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने वाली याचिका शनिवार को खारिज कर दी.
चीफ जस्टिस डी.बी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी की पीठ ने एस यादव की याचिका पर उक्त आदेश दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस मांग को भी ठुकरा दिया कि उत्तर प्रदेश में हाल में हुई मुठभेड़ों का रिकॉर्ड मंगाया जाए.
इससे पहले अपर महाधिवक्ता वी के साही और मुख्य सरकारी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह ने जनहित याचिका का कड़ाई से विरोध किया. उनका कहना था कि जिस व्यक्ति ने यह याचिका दायर की है, उसका मामले से कोई लेना देना नहीं है.
यह तर्क भी रखा गया कि मुख्यमंत्री ने खुद मृतक के परिवार वालों को आश्वस्त किया है कि विशेष टीम निष्पक्ष जांच करेगी और परिवार वालों का मुख्यमंत्री पर भरोसा है. ऐसे हालात में जनहित याचिका नाटक के अलावा और कुछ नहीं है.
गौरतलब है कि गत शनिवार को तिवारी को गोमतीनगर क्षेत्र में पुलिस कॉन्स्टेबल ने गोली मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी.
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