रोटोमैक के सीएमडी और उत्तर प्रदेश के कानपुर में 'गुटखा किंग' के नाम से मशहूर विक्रम कोठारी एक जाने माने उद्योगपति हैं. हाल ही में कोठारी का नाम 800 करोड़ के लोन डिफॉल्ट के मामले में सामने आया है. जिसके बाद सोमवार को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले विक्रम कोठारी 'रोटोमैक ग्लोबल' के सीएमडी हैं. जो स्टेशनरी के व्यापार की नामी कंपनी है. विक्रम कोठारी ने ही साल 1992 में रोटोमैक ब्रांड शुरू किया था, जो भारत में एक नामी ब्रांड बन चुका है.
विक्रम कोठारी मशहूर उद्योगपति मनसुख भाई कोठारी के बेटे हैं, जिन्होंने 'पान पराग' नाम के गुटखा ब्रांड की शुरूआत की थी. मनसुख भाई के बाद उनके पुत्र विक्रम ने यह काम संभाला. पान पराग की मार्केटिंग के कारण विक्रम कोठारी को कई अवॉर्ड्स मिले,साथ ही कानपुर के गुटखा किंग का टाइटल भी उन्हें पान पराग के कारण ही मिला.
प्रॉपर्टी में विवाद के बाद विक्रम और उनके भाई दीपक कोठारी के बीच बंटवारा हो गया. जिसमें 1973 में बने पान पराग गुटखा को सफलतम ऊंचाईयों तक पहुंचाने के बाद को यह ब्रांड विक्रम कोठारी के भाई दीपक कोठारी के हिस्से में चला गया. जबकि विक्रम कोठारी के हिस्से में आया स्टेशनरी का व्यापार.
बता दें कि जिस विक्रम कोठारी का नाम लोन डिफॉल्ट के मामले में उठाया जा रहा है उन्हें साल 1983 में सामाजिक कार्यों में अहम योगदान के कारण लायन्स क्लब ने गुडविल एंबेसडर बनाया था.
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