उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि योग आधुनिक विश्व को भारत का आनमोल तोहफा है. योग का धर्म से किसी तरह का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस प्राचीन वैज्ञानिक प्रणाली को धार्मिक रंग देकर मानवता को ‘गहरा नुकसान’ पहुंचा रहे हैं.
Yoga has nothing to do with religion; some people unfortunately attribute religious overtones to this ancient scientific system.
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) October 10, 2017
तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग के मूल में ‘सर्व जन: सुखिनो भवन्तु’ है. इसका अध्ययन और उपयोग अन्य चिकित्सा पद्धति की तरह ही किया जाना चाहिए.
Knowledge & science should be transmitted freely for welfare of entire world; “Sarve Janaah Sukhino Bhavantu” has been our fervent prayer. pic.twitter.com/mHgwzbWx09
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उन्होंने कहा, 'योग का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. दुर्भाग्य से कुछ लोग इस प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति को धार्मिक रंग देते हैं. ऐसे लोग मानवता को गहरा नुकसान पहुंचा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि योग सभी तरह की कसरतों और शारीरिक अभ्यास की जननी है जिससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मानसिक तंदरूस्ती के साथ आध्यात्मिक पोषण मिलता है. उपराष्ट्रपति ने अपने चिर-परिचित मजाकिया अंदाज में कहा कि इससे मेडकल बिल भी नियंत्रण में रहता है.
वेंकैया नायडू ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य विषय आज के समय में काफी प्रासंगिक है क्योंकि यह प्राचीन विज्ञान को समझने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही वर्तमान में बेहतर, स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन के बारे में इस ज्ञान के उपयोग के संभावित रास्ते बताता है.
उन्होंने घर-घर तक योग को पहुंचाने के लिये बाबा रामदेव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिये योग सर्वश्रेष्ठ औषधि है क्योंकि इसका कोई खर्च नहीं है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग हमारी धरोहर है जो हमें अपने पुरखों से मिली है और हमें इसका संरक्षण करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में योग और अवसाद, योग और हृदय रोग, योग और कैंसर नियंत्रण, योग और कष्ट प्रबंधन, योग और महिला, महिला और प्रसव विकार पर केस स्टडी जैसे विषय लिए गए हैं. ये व्यापक विषय है और इससे स्पष्ट होता है कि योग इन सभी विषयों के प्रबंधन में कितनी प्रभावकारी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है और इस प्रयास के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद के पात्र हैं.
Thanks to PM, Shri Narendra Modi, United Nations declared June 21 as International Yoga Day and is now being celebrated across the globe. pic.twitter.com/RT6M7AvYrU
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उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में योग ‘स्वास्थय और शारीरिक शिक्षा’ का अभिन्न हिस्सा है. योग को अमेरिका जैसे देशों में स्कूलों में भी लोकप्रियता मिल रही है. ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसे स्कूलों में शामिल किया गया है.
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