छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार प्रभाकर चौबे का निधन हो गया है. वह 83 वर्ष के थे. चौबे का जन्म छत्तीसगढ़ में महानदी के उदगम स्थल सिहावा में एक अक्टूबर 1935 को हुआ था. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार 22 जून को राजधानी रायपुर में किया जाएगा.
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि चौबे का शुक्रवार देर शाम यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया.वह लंबे समय से बीमार थे. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी चौबे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि राजधानी रायपुर में रहने वाले प्रभाकर चौबे ने लगभग 54 वर्षों तक लगातार लेखन के जरिए साहित्य और पत्रकारिता को अपनी मूल्यवान और यादगार सेवाएं दी.
उनके निधन के साथ ही छत्तीसगढ़ में साहित्य और पत्रकारिता के एक सुनहरे युग का अंत हो गया है. चौबे ने अपने लेखन के जरिए देश और समाज को हमेशा सही दिशा देने का प्रयास किया. हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में पूरे देश में उनका अत्यंत सम्मानजनक स्थान था.
चौबे ने रायपुर के दैनिक ’देशबन्धु’ में लगभग 25 वर्षों तक लगातार अपने साप्ताहिक कॉलम ’हंसते हैं-रोते हैं’ में विभिन्न समसामयिक विषयों पर व्यंग्यात्मक और चिंतनपरक आलेख लिखे. उनका यह कॉलम काफी लोकप्रिय हुआ.
उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक दैनिक देशबन्धु पत्र समूह के सांध्य दैनिक हाईवे चैनल के प्रधान सम्पादक के रूप में भी कार्य किया. चौबे की प्रकाशित पुस्तकों में अनेक व्यंग्य संग्रह, व्यंग्य उपन्यास व्यंग्य एकांकी, कविता संग्रह और सम्पादकीय आलेखों का संकलन शामिल है.
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