वाराणसी के कैंट में मंगलवार शाम निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हादसे की चपेट में एक मिनी बस, कार और बाइकें आई थीं. इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा मंगलवार शाम करीब 5:20 बजे गिर पड़ा. पुल की शटरिंग के लिए बने वजनी पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गए. पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आठ से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आए. यूपी के आपदा राहत आयुक्त संजय कुमार ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल ढहने से अभी तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
हादसे की जगह अभी तक साफ कराया जा रहा है. मलबे में दबी गाड़ियों को निकाला जा रहा है.
#Varanasi under-construction flyover collapse incident: Damaged vehicles being removed from the spot. Raj Pratap Singh, member of the committee constituted by #UttarPradesh government to probe the incident, visits the site pic.twitter.com/fARdNAu8J7
— ANI UP (@ANINewsUP) May 16, 2018
हादसे के बाद करीब 250 कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की पांच टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई थी. एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था. फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा जब ढहा, उस वक्त कोई काम नहीं चल रहा था. 2015 में इस पुल का निर्माण शुरू हुआ था.
हादसे के बाद वाराणसी पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्य परियोजना प्रबंधक एच सी तिवारी और प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह, के आर सूदन और कर्मचारी लालचंद को सस्पेंड कर दिया गया है. केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो 48 घंटे के अंदर मामले की तकनीकी जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव के साथ अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी.
घटनास्थल पर पहुंचे कमेटी के अध्यक्ष राज प्रताप सिंह ने स्थिति का मुआयना करने के बाद कहा कि जब तक हम पूरी जांच न कर ले, जब तक हर किसी से बात न कर लें, तब तक इस मामले पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा.
I can't say anything at this moment. Until we complete the investigation, talk to everyone & check all the records, it won't be right to say anything: Raj Pratap Singh, member of the committee constituted by UP govt to probe Varanasi under-construction flyover collapse incident pic.twitter.com/yCwXEb6n9w
— ANI UP (@ANINewsUP) May 16, 2018
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटनास्थल पर देर रात पहुंचे. सीएम ने पहले घटनास्थल पर जाकर चल रहे बचावकार्य का जायजा लिया. इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मिलने पहुंचे.
इस बीच सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है. सभी घायलों को तत्कालिक सहायता के रूप में 2-2 लाख रुपए और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए सरकार देगी.
प्रधानमंत्री एवं स्थानीय सांसद नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके स्थिति का जायजा लिया और हादसे में मारे गए लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही प्रभावित लोगों की हर संभव मदद सुनिश्चित करने को कहा. उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने ट्वीट कर हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
इस बीच, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी में हुए हादसे में लोगों को बचाने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बचाव दल के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि वह सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से भागने के बजाए पूरी ईमानदारी से जांच करवाएगी.
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