उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण देने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस फैसले को लागू करने के लिए छह महीने का वक्त दिया.
कार्यवाहक चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और जस्टिस राजीव तिवारी की खंडपीठ ने कहा कि ट्रांसजेंडर दयनीय जीवन जीते हैं और अक्सर उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता है.
Nainital: Uttarakhand High Court today asked the state government to provide reservation in govt jobs and educational institutions for the transgender community. The government has been asked to implement the scheme within 6 months.
— ANI (@ANI) September 28, 2018
हाईकोर्ट ने कहा, ‘ट्रांसजेंडर के लिए चिकित्सकीय देखभाल के लिए कोई उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया है. ट्रांसजेंडरों की बेहतरी के लिए कोई समाज कल्याण योजनाएं तैयार नहीं की गईं.’
अदालत ने कहा कि ट्रांसजेंडरों को भी मर्यादा की जिंदगी जीने का हक है और ऐसे में राज्य सरकार उन्हें शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सार्वजनिक नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए छह महीने के अंदर योजना बनाए. अदालत का आदेश इस समुदाय के दो सदस्यों की याचिका पर आया है जिन्होंने अपने जीवन और आजादी की रक्षा की मांग की है.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.