उत्तर प्रदेश पुलिस की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस शनिवार को भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन के सहारनपुर जिला स्थित उसके गांव फतेहपुर पहुंची थी. यहां पुलिस ने उसके घर पर वॉन्टेड का पोस्टर लगाया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने विनय रतन की मां और उसका छोटा भाई समझकर वहां खड़े एक युवक से बातचीत की.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार इस घटना का वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में बताया गया कि पुलिसकर्मी जिसे भीम आर्मी के अध्यक्ष का छोटा भाई समझकर बात कर रहे थे वो दरअसल विनय रतन था. पुलिस विनय रतन को पहचान नहीं सकी और सामने होने के बावजूद उसे गिरफ्तार किए बिना वापस लौट गई.
मामले के तूल पकड़ने पर सहारनपुर के एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि बाद में आरोपी विनय रतन ने सोमवार को स्थानीय अदालत में सरेंडर कर दिया. हालांकि एसएसपी के आदेश पर पुलिसकर्मियों पर उसे नहीं पहचानने का केस चलता रहेगा.
भीम आर्मी का राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन पिछले साल 5 मई को सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा का आरोपी है. यहां के शब्बीरपुर गांव में भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दलितों के 25 घरों में आग लगी दी गई थी. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे.
इस मामले में 35 वर्षीय विनय रतन वॉन्टेड था. पुलिस ने उस पर 12 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था.
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