पुलिस की कार्रवाई पर किसी भी तरह की सफाई हजम नहीं होती. हालांकि यूपी के हापुड़ में मवेशियों के व्यापारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने माफीनामा जारी किया है. यह माफीनामा उस फोटो के लिए जारी किया गया है जिसमें पुलिस की मौजूदगी में एक 45 साल के शख्स को भीड़ द्वारा घसीटा जा रहा है. इस मामले में पिलखुआ स्टेशन इंचार्ज और दो कॉन्सटेबल का पुलिस लाइन में ट्रांसफर किया गया है और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
यूपी डीजीपी हेडक्वार्टर ने माफीनामे में लिखा, 'हम पुलिस द्वारा पीड़ित के साथ हुए असंवेदनशील व्यवहार के लिए माफी मांगते हैं, जो तस्वीर सामने आई है वह पुलिस के मौके पर पहुंचते ही खींची गई है और एंबुलेंस न होने की वजह से घायल को पुलिस वाहन तक ले जाया जा रहा था. जान बचाने और कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए पीड़ित के साथ मानवीय व्यवहार को नजरअंदाज किया गया.'
We are Sorry for the Hapur Incident. Law & order incidents often lead to unintended yet undesirable acts. pic.twitter.com/w5Tsen9UxG
— UP POLICE (@Uppolice) June 21, 2018
बता दें कि बुधवार को 45 साल के कासिम और 65 साल के समायुद्दीन की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ ने कासिम और समायुद्दीन की गोकशी के शक में पिटाई की गई थी. इस घटना में कासिम की मौत हो गई. मामला उस वक्त चर्चा में आया जब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें खून से लथपथ कासिम को भीड़ द्वारा सड़क पर घसीटते हुए ले जाया जा रहा है और यूपी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. यूपी पुलिस ने इसी घटना पर माफी मांगी है.
फोटो के वायरल होने के बाद पुलिस की चौतरफा आलोचना हो रही है. इस मामले में प्रसिद्ध लेखक और स्टोरी टेलर नीलेश मिसरा ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था,' डीजीपी साहब, मेरे पास इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है लेकिन तीन लोग पुलिस ड्रेस में हैं और एक शख्स को मरे हुए जानवर की तरह घसीटा जा रहा है, इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए.'
Dear @dgpup Sir I don’t want to go into the allegations as I don’t have all details but at least three policemen in uniform and the man being dragged like a dead animal? This calls for punitive and exemplary action. @Uppolice @upcoprahul @CMOfficeUP https://t.co/RCFu8Gb8Tr
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) June 21, 2018
आईपीएस संजीव भट्ट ने भी ट्विटर पर इस मामले की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, 'देखिए कासिम के साथ कैसा व्यवहार किया गया, कासिम बार-बार पानी मांग रहा था लेकिन उसे पानी नहीं दिया गया बल्कि उसे लगातार पीटते रहे. आखिर हम क्या बन गए हैं? हमें अपना सर शर्म से झुका देना चाहिए.'
This is how they treated Qasim who was lynched in #Hapur. Qasim kept pleading for water... they refused and kept beating him.
What have we become? We must hang our heads in shame.#RamRajya pic.twitter.com/ei2OpKckCQ https://t.co/1NyfSDL1eq— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) June 20, 2018
जेएनयू नेता उमर खालिद ने भी इस मामले की निंदा करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'शर्मनाक यूपी पुलिस, गाय के नाम पर एक और शख्स को मार डाला गया, पीएम मोदी क्या आपकी अंतरआत्मा को आश्चर्य नहीं होता? या फिर अल्पसंख्यक आपके न्यू इंडिया के लिए अनावश्यक हैं?
Don't let this become the new normal! Shameless @Uppolice along with the mob drags the body of Qasim, one more lynched in the name of cow. Does it shock your conscience, Mr. Modi? Or are minorities dispensable in your vision of New India? pic.twitter.com/7RKPtLEvO0
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) June 20, 2018
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