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यूपीः पकड़-पकड़ कर शादी कराने से क्या 2019 की नैया होगी पार

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग को पहले चरण में 71,400 लड़कियों की शादी कराने का टारगेट दिया, इसी के तहत हर जिले का टारगेट तय है

Updated On: Feb 14, 2018 05:13 PM IST

FP Staff

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यूपीः पकड़-पकड़ कर शादी कराने से क्या 2019 की नैया होगी पार

उत्तर प्रदेश में पुलिस और प्रेमी दोनों मजबूर हैं. प्रेमी मान गए तो प्रेमी कहां और अगर टारगेट पूरे न हुए तो पुलिस कहां. बजरंगियों और शिवसैनिकों के बाद पुलिस की एंटी रोमियो स्क्वाड भी प्रेमियों को छका नहीं पाई. नतीजा ये कि सरकार ने पुलिस को टारदेट दे दिया है कि अब वो भगोड़े प्रेमियों को पकड़कर उनके प्रेम पर सामाजिक मुहर लगवा दें. तो अब दोनों काम एक साथ चल रहे हैं. अगर प्रेमी कहीं दिख जाते हैं तो पिटते हैं, आसानी से नहीं दिखते हैं तो बुलाकर उन्हें ज़िंदगी भर के लिए एक दूसरे के साथ बांध दिया जाता है.

उत्तर प्रदेश में एक तरफ प्यार पर पहरा देने के लिए पुलिस की एंटी रोमियो स्क्वाड है. बजरंग दल है, शिवसेना और हिंदू महासभा है. दूसरी ओर पुलिस प्यार करने वालों को मिला भी रही है. बीजेपी सरकार प्रेमियों की शादी करवा रही है. ये कैसी मजबूरी है कि ढूंढ-ढूंढ कर प्रेमियों की पिटाई हो रही है और और ढूंढ-ढूंढ कर डंडे की छांव में शादी करवाई जा रही है.

आखिर माजरा क्या है?

दीपक मिश्रा को पढ़ाई के दौरान ही एक लड़की से प्यार हो गया था लेकिन घर वाले शादी के लिए राजी नहीं थे. उन पर घर वालों ने पुलिस में शिकायत दे रखी थी. लेकिन योगी सरकार की एक पहल से अब उनका प्यार मिल चुका है. वह विवाह बंधन में बंध चुके हैं. वह कह रहे हैं सरकार और पुलिस को शुक्रिया. प्यार पर पहरा देने वाले लोग शादी के अगुआ बने.

देवरिया पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसी महीने होने जा रहे एक और सामूहिक विवाह समारोह के लिए भी ऐसे जोड़ों की तलाश हो रही है जिन पर लड़की भगाने का मामला दर्ज है और वे घर से भागकर चोरी छिपे कहीं और रह रहे हैं.

विकास-ज्योति, राजन-नीतू, सत्येंद्र-रानी, रामलखन-प्रीतम, सोनू-कुंती, सज्जाद-खुशबुन निशा, जितेंद्र-रंजना, संदीप-ममता और अरविंद-कविता भी उन खुशकिस्मत लोगों में हैं जिनके प्यार को योगी आदित्यनाथ सरकार की मान्यता मिल गई है. पहले ये जोड़े पुलिस, समाज और अपने घर वालों की डर से भागे फिरते थे. इनमें से कई लड़कों पर लड़की भगाने की पुलिस में शिकायत की गई थी और कुछ पर मामला भी दर्ज था. अब ये जोड़े सरकार को दुआ देते नहीं थक रहे हैं.

शादी के लिए दिल्ली से देवरिया पहुंची लड़की

शादी के लिए दिल्ली से देवरिया पहुंची लड़की

कोई चार साल से अपने प्यार के लिए भागा फिर रहा था तो कोई दिल्ली में छिपा था. एक युवती ने बताया कि उसकी सहेली ने फोन पर बताया कि पुलिस प्रेमियों की शादी करवा रही है. फिर वो ट्रेन पकड़कर देवरिया पहुंची और उसकी शादी पर सरकारी मुहर लग गई. जो पुलिस उन्हें जेल में डालने के लिए खोज रही थी वही अब शादी की अगुआ बन गई है.

इस ह्दय परिवर्तन के पीछे राज़ क्या है?

आपको भी सुनकर हैरानी हो रही होगी कि एंटी रोमियो स्क्वाड चलाने वाली योगी सरकार प्रेमी जोड़ों की शादी क्यों करवा रही है. 2019 का चुनाव सिर पर है. इससे पहले भी कई राज्यों में कन्यादान पार्टियों और नेताओं को सत्ता का पुण्य दिला चुका है.

तमिलनाडु में जयललिता ने दो ग्राम सोने का मंगलसूत्र (स्थानीय भाषा में थाली) जोड़ों को भेंट करने का वादा किया था. सरकारी बजट और अधिकारी कांप गए थे, मगर जयललिता ने चुनाव जीतने के बाद अपना वादा निभाया था.

इसी तरह मध्य प्रदेश में 13 साल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामूहिक शादियां कराने का बीड़ा उठाया था. इसके बाद 2006 में मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना शुरू हुई. इसके तहत पलंग, बर्तन, स्मार्टफोन, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन गिफ्ट करना शामिल है. हरियाणा में भी मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपए देने का प्रावधान है.

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग को पहले चरण में 71,400 लड़कियों की शादी कराने का टारगेट दिया. इसी के तहत हर जिले का टारगेट तय है.

विभाग से ये टारगेट नहीं हुआ पूरा इसलिए पहुंचे पुलिस की शरण में

पुलिस और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इसमें फरार प्रेमियों को भी जा पकड़ा. पुलिस के लिए जानकारी जुटाने में पत्रकार भी जुट गए. किसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 21 जोड़ों को खोजकर उनका ब्याह करा दिया गया. सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने तारीफ़ की और फिर शुरू हो गया पूरे यूपी में ढूंढ ढूंढ कर शादी कराने का अभियान.

ऐसा नहीं कि केवल पुलिस का टारगेट पूरा हो रहा है. पुलिस मोबाइल, बर्तन, कपड़े और चांदी की बिछिया और पायल भी जोड़े को गिफ्ट कर रही है. कुल मिलाकर हर जोड़े के लिए सरकारी गिफ्ट का बजट 35 हजार रुपए रखा गया है.

क्या है उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना?

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग या बीपीएल श्रेणी वाले परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. समाज के गरीब वर्गों की विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. राज्य सरकार प्रत्येक जोड़े को 35000 रुपए तक की वित्तीय सहायता दे रही है. कन्या के दांपत्य जीवन में खुशहाली और गृहस्थी के लिए 20 हजार उसके खाते में दिए जा रहे हैं. सरकार लड़की के लिए 12 तोहफे भी दे रही है. जिसमें स्मार्टफोन भी शामिल है.

(न्यूज-18 के लिए ओम प्रकाश की रिपोर्ट)

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