बड़ी और ताव देने वाली मूंछें रखने वाले पुलिसकर्मियों के लिए एक अच्छी खबर है. अब उनका मूंछ भत्ता 5 गुना बढ़ाकर 250 रुपए प्रतिमाह तक कर दिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार बढ़ोतरी पीएसी के मुखिया एडीजी विनोद कुमार सिंह की पहल पर हुई है. बीते 11 जनवरी को पीएसी के एडीजी का पदभार ग्रहण करने के बाद विनोद कुमार सिंह कुम्भ में दौरा करने गए थे. यहां पीएसी के सेनानायक व जवानों से बात करने के दौरान ही पांच ऐसे जवान मिले हैं जिन्होंने लंबी व घनी मूंछ रखी हुई थीं. एडीजी ने इन जवानों से शानदार मूंछो का राज पूछा और यह भी सवाल किया कि इसकी देखभाल कैसे करते हैं और इन पर कितना खर्च आता है. इस पर एक जवान ने कहा कि कई सालों से मूंछों के लिए सरकारी भत्ता महज 50 रुपए प्रतिमाह ही मिल रहा है. इसके बाद ही एडीजी ने तुरंत इस भत्ते को बढ़ाकर 250 रुपए प्रतिमाह तक करने का फैसला कर लिया.
एसएसपी बीएस बेदी ने सबसे पहले 20 रुपए प्रतिमाह मूंछ भत्ता दिया था
एडीजी ने बताया कि मूंछें बढ़ाना या न बढ़ाना, यह जवान की मर्जी पर है पर, यह भत्ता उन लोगों को ही मिलेगा जिनकी मूंछ कुछ अलग हटकर है और काफी घनी होगी. हालांकि इसमें यह भी मानक रखा गया है कि मूंछें जितनी घनी होंगी, उसके हिसाब से ही भत्ता निर्धारित होगा जो 50 रुपए से बढ़कर अधिकतम 250 रुपए तक होगा. बता दें कि यूपी पुलिस में वर्ष 1982 में लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी बीएस बेदी ने सबसे पहले प्राइवेट फंड से 20 रुपए प्रतिमाह मूंछ भत्ता दिया था. यह भत्ता कुछ साल तक रहा, फिर यह भत्ता मिलना बंद हो गया था. पीएसी जवानों के लिए बीच-बीच में यह भत्ता मिलता बंद होता रहा.
अंग्रेजों के समय हेड कॉन्स्टेबल सूरज सिंह को दो रुपए भत्ता दिया गया था
पीएसी से रिटायर डिप्टी एसपी सुधीर शर्मा कहते हैं कि एसएसपी रहे बीएस बेदी के हटने के कुछ समय बाद यह भत्ता मिलना बंद हो गया था. वर्ष 2017 में 35वीं वाहिनी पीएसी के जवान मंगल प्रसाद पाल, राम खेलावन और शेषनाथ सिंह की लंबी व घनी मूंछें देखकर तत्कालीन सेनानायक ने 50 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने की व्यवस्था की थी. एक रिटायर अधिकारी बताते हैं कि अंग्रेजो की हुकूमत के समय हेड कॉन्स्टेबल सूरज सिंह को दो रुपए भत्ता दिया गया था. सूरज सिंह 1985 में रिटायर हो गए थे. एक समय था जब पीएसी और पुलिस के कई जवान लंबी व घनी मूंछें रखते थे लेकिन अब यह चलन नहीं रहा है. फिर भी कई जवान ऐसी मूंछें रखे हुए हैं. इनका हौसला बढ़ाने के लिए ही मूंछ भत्ते में यह बढ़ोतरी की गई है.
वाराणसी के एसएसपी आकाश कुलहरि की मूंछें पसंद की जाती थीं
रिटायर डिप्टी एसपी सुधीर शर्मा कहते हैं कि मूंछे जवानों के शौर्य का प्रतीक होती हैं. लिहाजा मूंछ भत्ता अवश्य मिलना चाहिए. कोई जवान अगर अपनी इच्छा से लंबी व घनी मूंछें रखता है तो उसे सम्मान के तौर पर यह भत्ता मिलने से उसका उत्साह बढ़ता है. एएसपी मुनिराज की मूंछें चर्चित थीं तो वाराणसी के एसएसपी रह चुके आकाश कुलहरि की मूंछें भी काफी पसंद की जाती थीं. हालांकि पीआरओ शैलेष मिश्र जैसे कुछ पुलिसकर्मी हैं जो मूंछों पर आज भी ताव बरकरार रखे हुए हैं. इसके साथ ही मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार आज भी अपनी रौबदार मूंछों के लिए चर्चा में रहते हैं. तावदार मूंछों के मामले में इंस्पेक्टर एसटीएफ वाराणसी विपिन राय, यूपी पुलिस के तेजतर्रार इंस्पेक्टर अनिरुद्ध सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण का भी कोई जवाब नहीं है.
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