यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ हर दिन कुछ बड़े फैसले ले रहे है. इसी कड़ी में सरकार ने अब विभिन्न सरकारी विभागों में काम करने वाले 16 लाख कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कराने का आदेश दिया है. इसके लिए सरकारी विभागों के 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग होगी. जिनकी कार्यदक्षता कमजोर पाई जाएगी, उन्हें 31 जुलाई के बाद अनिवार्य रिटायरमेंट दे दिया जाएगा.
यूपी के पर्सनल डिपार्टमेंट ने प्रदेश के सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर 31 जुलाई तक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिए है. केंद्र के तर्ज पर समूह 'ग' से लेकर 'घ' तक के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी.
तीन महीने का नोटिस देकर कर सकते हैं रिटायर
बता दें कि 50 साल की उर्म के किसी सरकारी कर्मचारी को उसके नियुक्ति प्राधिकारी बिना कोई कारण बताए तीन महीने की नोटिस या तीन महीने का वेतन देकर अनिवार्य रूप से रिटायर कर सकते हैं.
31 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट
पर्सनल डिपार्टमेंट के पत्र में अपेक्षा की गई है कि स्क्रीनिंग की कार्यवाही करते हुए उसकी रिपोर्ट 31 जुलाई तक उपलब्ध कराएं. केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर सूबे की योगी सरकार भी खराब परफॉरमेंस वाले अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट देने से हड़कंप मच गया है.
सरकार ने क्यों लिया फैसला...
दरअसल, योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया था. इसके बाद विभागों की हुई समीक्षा में कई अफसरों के कामकाज संतोषजनक नहीं थे. माना जा रहा है कि 50 की उम्र पूरी कर चुके अफसरों और कर्मचारियों के कामकाज के प्रति खराब रवैये में सुधार की गुंजाइश नहीं बचती. इसलिए उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट देकर नए लोगों को मौका दिया जाए.
(अजीत सिंह की न्यूज 18 के लिए रिपोर्ट)
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