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बजरंग दल की नहीं, पुलिस की फायरिंग में गई सुबोध कुमार सिंह की जान: बीजेपी विधायक

बीजेपी विधायक ने हिंदूवादी संगठनों को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि हो सकता है कि सुबोध कुमार सिंह की मौत पुलिस की गोली से हुई हो

Updated On: Dec 04, 2018 05:05 PM IST

Bhasha

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बजरंग दल की नहीं, पुलिस की फायरिंग में गई सुबोध कुमार सिंह की जान: बीजेपी विधायक

बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गोहत्‍या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी बीच, बीजेपी विधायक ने हिंदूवादी संगठनों को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि हो सकता है कि सिंह की मौत पुलिस की गोली से हुई हो.

बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में बुलंदशहर हिंसा और पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में हिंदूवादी संगठनों, खासकर बजरंग दल को क्लीन चिट देते हुए कहा कि ऐसी संभावना है कि पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत पुलिस की गोली से ही ही हुई है. उन्होंने दावा किया कि बजरंग दल के लोगों ने पथराव किया था, लेकिन गोली नहीं चलाई थी.

दूसरी तरफ, पुलिस का कहना है कि बुलंदशहर में स्थिति भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है .

उन्होंने कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और इस तरह की घटना फिर से न हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. एडीजी ने बताया कि दंगा फैलाने और हत्या के मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें से 27 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी तथा 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है.

पुलिस के षड्यंत्र से हुई हत्या

इस बीच, हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या पुलिस के षड्यंत्र से हुई है. सुनीता ने कहा, ‘मेरा भाई पुलिस के षड्यंत्र के कारण मारा गया क्योंकि वह दादरी के गोहत्या मामले की जांच कर रहा था.’ उन्होंने अपने भाई को शहीद का दर्जा देने और उनका स्मारक बनाने की मांग करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री गाय-गाय रटते रहते हैं, आखिर वह गोरक्षा के लिए क्यों नहीं आते हैं?'

मारे गए इंस्पेक्टर के पुत्र अभिषेक ने कहा कि उसके पिता उसे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दे. उसने कहा, ‘मेरे पिता ने हिंदू मुस्लिम विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी. अब किसके पिता की बारी है?’ अभिषेक ने कहा कि आखिरी बार जब उसने अपने पिता से बात की थी तो उन्होंने उससे पूछा था कि क्या उसने खाना खा लिया, और पढ़ाई की या नहीं?’

इससे पहले एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस जांच में पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्‍यों पुलिस अधिकारी इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए. आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच करेगी. एसआईटी में तीन से चार सदस्य होंगे. बताया जाता है कि एक आरोपी योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है.

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