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उन्नाव रेप केस ग्राउंड रिपोर्ट: आरोपी बीजेपी MLA के समर्थक जांच के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर उतारू

सेंगर का इस इलाके में इस कदर समर्थन है कि गांव वाले जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम (एसआईटी) के खिलाफ नजर आ रहे हैं

Updated On: Apr 12, 2018 11:26 AM IST

Saurabh Sharma

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उन्नाव रेप केस ग्राउंड रिपोर्ट: आरोपी बीजेपी MLA के समर्थक जांच के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर उतारू

रेप के आरोपी और उन्नाव से चार बार विधायक रह चुके कुलदीप सिंह सेंगर को माखी गांव के लोगों का अंध-समर्थन हासिल है. सेंगर का इस इलाके में इस कदर समर्थन है कि गांव वाले उन्नाव रेप केस और रेप पीड़िता के पिता सुरेंद्र कुमार सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम (एसआईटी) के खिलाफ नजर आ रहे हैं. गांव वालों ने बीते बुधवार को लखनऊ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून-व्यवस्था राजीव कृष्ण को गांव में घुसने नहीं दिया और जांच के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. इस बीच, 9 अप्रैल को सुरेंद्र कुमार सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत के खिलाफ उन्नाव शहर में भी कुछ जगहों पर छिट-पुट विरोध-प्रदर्शन हुए.

समर्थक से लेकर टीचर तक सब कर रहे हैं प्रदर्शन

उन्नाव में बीते बुधवार को जांच टीम दिन के 1.30 बजे उन्नाव पहुंची. एसआईटी टीम ने शहर के सब्जी मंडी के पास मौजूद होटल में रेप पीड़िता के साथ मुलाकात की. रेप पीड़िता के चाचा के बयान को दर्ज करने के बाद जांच टीम माखी गांव पहुंची. यह जांच टीम दोनों पक्षों और गांव वालों का बयान दर्ज करने के लिए यहां आई थी. यह गांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. विधायक के पक्ष में नारेबाजी के लिए बड़ी संख्या में गांव वाले इस शख्स के घर के पास जुटे थे. गांव वाले कह रहे थे कि उनके विधायकजी निर्दोष हैं. विधायक की तरफ से चलाए जा रहे स्कूलों के शिक्षक भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए.

एसआईटी ने इस सिलसिले में मीडिया को कुछ भी बताने से मना कर दिया. जांच टीम बुधवार दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर उन्नाव से रवाना हो गई. जांच टीम का कहना था कि वह जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने की कोशिश करेगी. इस संवाददाता ने भी विधायक के गांव का दौरा किया और पाया कि कोई भी विधायक के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं था. ज्यादातर गांव वालों ने अपने घर के दरवाजे बंद कर रखे थे.

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हालांकि, विधायक के आवास पर विरोध-प्रदर्शन के लिए मौजूद समर्थक राकेश सिंह ने इस संवाददाता को बताया कि सुरेंद्र सिंह को विधायक के एक सहयोगी और उनके (सेंगर) भाई अतुल सिंह सेंगर ने पीटा था. उन्होंने कहा, 'उसने (रेप पीड़िता के पिता) शराब पी रखी थी. उसने हमें गालियां भी दीं. उसने अतुल भैया को गालियां दीं और उसके बाद हमने उसे उसके हिसाब से 'दवाई' दी. जब सुरेंद्र ने माफी मांगने से मना करते हुए हमें गालियां बकना जारी रखा, तो उसे (सुरेंद्र) मैदान से खींचकर लाया गया और उसके बाद उसकी पिटाई की गई. '

'विधायकजी कुछ बुरा कर ही नहीं सकते'

गांव वाले इस बात पर यकीन करने को तैयार नहीं हैं कि उनके विधायक ने कुछ भी गलत किया है. माखी की रहने वाली और विधायक की समर्थक सरस्वती सिंह ने बताया कि अगर विधायकजी को कुछ होता है, तो वह खुदकुशी कर लेंगी. उन्होंने बताया, 'अगर विधायकजी दोषी पाए जाते हैं, तो मुझे फांसी पर लटका दीजिएगा. मैं भगवान और अपने एकमात्र बेटे की कसम खाकर कहती हूं कि विधायकजी ने गांव के लिए इतना कुछ किया है कि उसका अंदाजा लगाया नहीं जा सकता. वह लोगों को पैसा, राशन मुहैया कराने के अलावा हरमुमकिन मदद करते हैं. वह लोगों की बेटियों की शादी में भी हर तरह से मदद करते हैं.' उनका यह भी कहना था कि विधायक को दोषी ठहराने से पहले पुलिस को लड़की और उसके परिवार के 'चरित्र' की जांच करनी चाहिए. उन्होंने बताया, 'लड़की के परिवार वालों के खिलाफ पुलिस के कई केस हैं और गांव में हर कोई लड़की के 'चरित्र' के बारे में बताएगा.'

SIT team probes Unnao rape case

माखी के थाना प्रभारी (एसएचओ) ने बताया कि दोनों परिवारों का आपराधिक रिकॉर्ड है और लड़की ने एफआईआर में सेंगर का जिक्र नहीं किया गया है. एसएचओ राजेश सिंह ने बताया, 'लड़की के पिता के खिलाफ 29 आपराधिक मामले थे, जबकि उसके चाचा पर 14 मुकदमे दर्ज हैं. अतुल सिंह सेंगर के खिलाफ 3 केस हैं, जबकि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज हैं.' उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पीड़िता एक बार शुभम नाम के लड़के के साथ भाग गई थी और बाद में माखी पुलिस स्टेशन में लड़का, उसकी मां और उसकी बहन के खिलाफ एफआईआर दायर की गई थी.

उल्टा रेप पीड़िता पर लगाए हैं आरोप

गांव के एक और शख्स और खुद को विधायक का रिश्तेदार बताने वाले शैलेंद्र सिंह ने बताया, 'लड़की पिछले साल हमारे गांव के एक लड़के के साथ भाग गई थी. जब वह पकड़ी गई, तो लड़का और उसके परिवार वालों के खिलाफ रेप का केस दायर किया गया था. लड़के को जेल भेज दिया गया, लेकिन उसकी मां और बहन पर पुलिस ने चार्जशीट दायर नहीं किया. दरअसल, वे किसी अपराध के दोषी नहीं पाए गए. उस दिन के बाद से लड़की के परिवार वाले इस मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए विधायकजी पर दबाव डाल रहे हैं. हालांकि, विधायकजी ने ऐसा करने से मना कर दिया, क्योंकि यह अनैतिक था.'

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शैलेंद्र का कहना था, 'हमारे नेताजी को राजनीतिक फायदे के लिए निशाना बनाया जा रहा है. उन पर वैसे लोगों द्वारा कीचड़ उछाले जा रहे हैं, जो उनकी छवि खराब करना चाहते हैं. यह कुछ नहीं बल्कि उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष की राजनीतिक साजिश है.' उनका यह भी कहना था कि सेंगर के खिलाफ रेप का आरोप इसलिए लगाया गया है, ताकि रेप पीड़िता और उनके परिवार वालों के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को वापस लेने के लिए विधायक पर दबाव बनाया जा सके.

इससे पहले, बीते बुधवार सुबह को सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी से मुलाकात कर 'न्याय' की गुहार लगाई. डीजीपी ऑफिस से बाहर निकलने के बाद संगीता सेंगर ने पत्रकारों को बताया, 'मेरे पति निर्दोष हैं और उनके रेपिस्ट नहीं करार दिया जाना चाहिए. मैं, मेरे पति और मेरा पूरा परिवार जरूरत पड़ने पर नार्को टेस्ट के लिए तैयार है.' उनका आगे कहना था, 'लड़की किसी के बहकावे में अपनी इज्जत उछाल रही है.'

SIT team probes Unnao rape case

इस बीच, रेप पीड़िता ने मीडिया को बताया कि वह और उनके परिवार वाले घर जाने को लेकर डरे हुए हैं. पीड़िता ने बताया, 'उन्होंने मेरे पिता को मार दिया और मेरा रेप किया. उनका अगला कदम मेरी हत्या और मेरे परिवार को खत्म करना होगा. मेरे पास अब कहीं जाने की गुंजाइश नहीं है और मैं गांव में सुरक्षित महसूस नहीं करती हूं. डीएम ने मुझे एक होटल रूम में सीमित कर दिया है और हमसे कोई भी बात करने के लिए तैयार नहीं है.' रेप पीड़िता को पुलिस की सुरक्षा में होटल में रखा गया है.

उन्नाव जिले के डीएम ने मेडिकल चूक की बात मानी

जिले के डीएम रवि कुमार एन जी ने बताया कि रेप पीड़िता के पिता की मौत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और उनकी जिंदगी बचाई जा सकती थी. कुमार का कहना था, 'पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देखने के बाद मैं कह सकता हूं कि जिन डॉक्टरों ने उनकी (सुरेंद्र सिंह) मेडिकल जांच की है, उन्होंने गड़बड़ी की और चूक हुई है.'

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इस पूरे मामले में कब, क्या हुआ-

4 जून 2017: रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने घर में उनका रेप किया, जहां वह अपने पड़ोसी के साथ नौकरी मांगने गई थीं.

11 जून 2017: लड़की के गुमशुदगी की खबर आई. माखी पुलिस ने उसी दिन गुमशुदगी के सिलसिले में एफआईआर दर्ज की.

20 जून 2017: लड़की की ओरैया गांव से बरामदगी हुई और उसे 21 जून को उन्नाव लाया गया.

22 जून 2017: पुलिस ने लड़की को अदालत के सामने पेश किया और आईपीसी की धारा 164 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया.

3 जुलाई 2017: लड़की को उसके परिवार वालों को 10 दिनों के लिए सौंपा गया. पुलिस द्वारा प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए वह दिल्ली के लिए रवाना हुई और अपने चाचा के घर में रहने लगी. पीड़िता ने विधायक सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी.

16 अक्टूबर 2017: माखी गांव में विधायक के खिलाफ पोस्टर सामने आया. गांव वालों का कहना था कि यह लड़की के चाचा की 'करस्तानी' है.

24 अक्टूबर 2017: सेंगर ने छवि खराब करने के मामले में लड़की के चाचा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया.

24 फरवरी 2018: लड़की के परिवार ने सेक्शन 156(3) के तहत एफआईआर में विधायक का नाम शामिल किए जाने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया.

3 अप्रैल 2018: विधायक के सहयोगियों और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर द्वारा लड़की के पिता सुरेंद्र सिंह की कथित तौर पर पिटाई की गई. आर्म्स कानून के तहत सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया.

5 अप्रैल 2018 : जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद सुरेंद्र को जेल भेजा गया.

8 अप्रैल 2018: रेप पीड़िता ने विधायक के खिलाफ मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री के आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की.

9 अप्रैल 2018: जिला अस्पताल में भर्ती करने के कुछ घंटे बाद लड़की के पिता को जिला मुख्यालय स्थित जेल में शिफ्ट कर दिया गया. 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और मैजिस्ट्रेट से जांच कराने के निर्देश दिया.

10 अप्रैल 2018: अतुल को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. डीएम मैजिस्ट्रेट रवि कुमार एन जी ने अपने ऑफिस में पीड़िता से मुलाकात की.

11 अप्रैल 2018: एसआईटी ने दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया.

(माखी गांव, उन्नाव से विशाल सिंह के साथ)

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