अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019 लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट लोकसभा में पेश किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली फिलहाल अपने इलाज के लिए अमेरिका में हैं, इसलिए उनकी जगह पर रेलमंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया है.
इसलिए ये जानना खास है कि रेलवे को इस बजट में क्या मिला. अगर इस बजट पर नजर डालें तो रेलवे के खर्च के अलावा रेलवे को कुछ खास नहीं मिला. सरकार के इस अंतरिम बजट को बजट कम चुनावी भाषण ज्यादा कहा जा रहा है. इस बजट में ऐसे कई मुद्दे रहे, जिन्हें सरकार ने छुआ भी नहीं.
इस लिहाज से रेलवे का बजट भी बहुत उत्साहजनक नहीं रहा. पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में बताया कि रेलवे के खर्च के लिए बजट 2019-20 में 1.58 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इससे पिछले बजट में ये रकम 1.46 लाख करोड़ रुपए थी, यानी कि बढ़ोत्तरी भी बहुत रिमार्कबल नहीं है.
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार रेलवे के लिए 64,587 रुपए का अतिरिक्त बजट दिया गया है. हां, रेलवे के क्षेत्र में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को गिनाते हुए उन्होंने जरूर बताया कि ट्रेन 18, वाईफाई, रेल ब्रिज और मानवरहित फाटक मुक्त करने जैसे कई बड़े कदम उठाए गए हैं.
रेलवे के लिहाज से ये बजट बहुत सूखा रहा है. उम्मीद थी कि सरकार रेल यात्रियों को ध्यान में रखते हुए बड़ी घोषणाएं कर सकती है. ये घोषणाएं यात्रियों की सुरक्षा, ट्रेनों की स्पीड, स्टेशन पर यात्री सुविधाओं आदि से जुड़ी होंगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और वर्तमान रेलवे बजट में बस 64,587 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है.
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