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2002 फिरौती कांड में अबु सलेम को सात साल कठोर कारावास की सजा

26 मई को सलेम को दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने 2002 फिरौती मामले में दोषी करार दिया था

Updated On: Jun 07, 2018 03:53 PM IST

FP Staff

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2002 फिरौती कांड में अबु सलेम को सात साल कठोर कारावास की सजा

दिल्ली की एक अदालत ने 2002 में राजधानी के एक बिजनेसमैन से पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने के लिए गैंगस्टर अबु सलेम को गुरुवार को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.

अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया. सलेम को मामले में 26 मई को दोषी ठहराया गया था.

उगाही का यह मामला दिल्ली में दर्ज किया गया था. मामले में आरोप लगाया था कि सलेम ने दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी, बिजनेसमैन अशोक गुप्ता से पांच करोड़ रुपए रंगदारी के रूप में मांगे थे.

इससे पहले 26 मई को सलेम को दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने 2002 फिरौती मामले में दोषी करार दिया था.

गैंगस्टर सलेम हमेशा यह आरोप लगाता रहा है कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं है. सलेम के वकील का यह भी कहना रहा है कि फिरौती मामले में कार्रवाई साल 2005 में सलेम को पुर्तगाल से भारत लाने वाली संधि का उल्लंघन है.

साल 2002 में दिल्ली के एक बिजनेसमैन अशोक गुप्ता ने अबु सलेम के खिलाफ 5 करोड़ रुपए फिरौती मांगने का मामला दर्ज कराया था.

मुंबई बम धमाकों में भी अबु सलेम आरोपी है. इस मामले में पिछले साल विशेष टाडा कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दौसा समेत 6 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया. अब्दुल कयूम को सभी मामलों में निर्दोष पाया गया और उसे निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया गया.

अबु सलेम को षड्यंत्र, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर दोषी करार दिया गया. जबकि मुस्तफा दौसा को हत्या और आतंकी गतिविधि की साजिश रचने का दोषी करार दिया गया था.

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