तमिलनाडु के स्टरलाइट प्रोटेस्ट में 11 लोगों की मौत के बाद मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. मक्कल निधि मय्यम पार्टी अध्यक्ष कमल हसन बुधवार को प्रदर्शन में घायल मरीजों से मिलने के लिए तूतूकुड़ी के जनरल अस्पताल पहुंचे हैं.
इस दौरान कमल हसन ने कहा फायरिंग के ऑर्डर किसने दिए इस बात का पता जल्द से जल्द लगना चाहिए. ये मेरी नहीं पीड़ितों की मांग है. उन्होंने कहा कि मुआवजे का ऐलान करना समस्या का समाधान नहीं है. ये कंपनी (स्टरलाइट) जरूर बंद होनी चाहिए. यही लोगों की मांग है.
We must know who ordered this firing. It is not me but the victims who are demanding this. Merely announcing compensation isn't a solution. This industry must be shut & this is what people demand: Kamal Haasan after meeting people who were injured in #SterliteProtest yesterday pic.twitter.com/43mntezXxH
— ANI (@ANI) May 23, 2018
Makkal Needhi Maiam chief Kamal Haasan meets people who were injured in #SterliteProtest yesterday, at General Hospital in #Thoothukudi pic.twitter.com/ZSCiaaERz0
— ANI (@ANI) May 23, 2018
उधर 11 लोगों की मौत के बाद सीपीआईएम ने कोयंबटूर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
CPI(M) hold protest in Coimbatore against death of 11 people in Anti-Sterlite protest in #Thoothukudi yesterday #TamilNadu pic.twitter.com/gKeDUm67s5
— ANI (@ANI) May 23, 2018
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May 23, 2018
घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे स्टालिन
तमिलनाडु के सीएम एडापड्डी के पलानीस्वामी ने मंगलवार को घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 3-3 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.
इस साल फरवरी में कंपनी ने एनवॉयरमेंट क्लियरेंस लेने के लिए आवेदन दिया था ताकि वह अपने प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ा सके. अभी वेदांता के स्टरलाइट प्लांट की क्षमता सालाना 4 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर वह 8 लाख टन करना चाहती है.
धारा 144 का उल्लंघन करने के अपराध में कमल हसन पर दर्ज हुआ मामला.
तूतूकुड़ी में जनरल अस्पताल के बाहर सुरक्षाबल तैनात
तूतूकुड़ी में जनरल अस्पताल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने लगाई बस में आग
स्टरलाइट प्रोटेस्ट में पुलिस फायरिंग पर रजनीकांत का वीडियो आया सामने
तूतूकुड़ी में एक बार फिर हिंसा भड़कने की खबर है. जानकारी के मुताबिक, वहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की दो बसों को आग लगा दी है. ये लोग वेदांता की स्टरलाइट कॉपर प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की फायरिंग से नाराज बताए जा रहे हैं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई है.
डीएमके के एक अन्य नेता इस गोलीबारी की तुलना जलियांवाला बाग से की है. डीएमके ने सभी दलों से इस घटना के खिलाफ 25 मई को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके. पलानीस्वामी ने घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की. गृह मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पलानीस्वामी ने कहा, 'पुलिस को लोगों के जानमाल की रक्षा के लिए मुश्किल परिस्थितियों में कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि प्रदर्शनकारी बार-बार हिंसा कर रहे थे... पुलिस को हिंसा रोकनी थी.'
उधर सरकार ने मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन को नियुक्त किया है. वहीं गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट तलब किया है
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करने को लेकर एनएचआरसी ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा है
इस बीच स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने प्लांट में तांबा गलाने की नई यूनिट के निर्माण पर रोक लगा दी है.
इस घटना से जुड़ा एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है, जिसमें सादे कपड़े में मौजूद एक पुलिसकर्मी पुलिस बस के ऊपर चढ़कर प्रदर्शनकारियों पर निशाना लगाता दिख रहा है.
मामले में डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने ट्वीट कर कहा, 'प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग का ऑर्डर किसने दिया? भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ऑटोमेटिक हथियारों का इस्तेमाल क्यों किया गया. किस कानून के तहत इसकी इजाजत दी गई? यहां रबर या प्लास्टिक के बुलेट्स का इस्तेमाल क्यों किया गया? फायरिंग के पहले प्रदर्शनकारियों को चेतावनी क्यों नहीं दी गई?'
पट्टाली मक्कल काटची के अध्यक्ष अंबुमणि रामदौस ने कहा कि ये पुलिस द्वारा किया गया कोल्ड ब्लडेड मर्डर है. पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. इसके साथ ही एसपी, कलेक्टर, डीजीपी और मुख्य सचीव पर मामला दर्ज होना चाहिए.