त्रिपुरा में एक लोकल टीवी चैनल में काम करने वाले पत्रकार की बुधवार को हत्या कर दी गई. पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर आदिवासी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शांतनु भौमिक की हत्या की.
पुलिस अधीक्षक नागेंद्र देव वर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि त्रिपुरा राजेर उपजाति गण मुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के समर्थक जीएमपी की एक रैली में शामिल होने के लिए अगरतला जा रहे थे और खोवई में बस स्टैंड पर इकट्ठा हुए थे. वहां इंडीजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं का एक समूह भी मौजूद था, जिन्हें रैली के बारे में पता चला और वे कथित रूप से भड़क गए.
उन्होंने बताया कि तब अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया और बात नहीं बढ़ी. लेकिन जब बस छानखोला गांव से कुछ दूरी पर थी तब जंगल में छिपे आईपीएफटी के कुछ कार्यकर्ताओं ने वाहन पर हमला किया. उन्होंने जीएमपी कार्यकर्ताओं पर लोहे की छड़ों और डंडों से हमला किया.
घटना के बाद मंगलवार से ही मंडाई के साथ-साथ पश्चिमी त्रिपुरा के 10 से अधिक जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है.
मंडाई में भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया. इसी घटना के दौरान आईपीएफटी के कार्यकर्ताओं ने 28 वर्षीय शांतनु भौमिक को मौत के घाट उतार दिया.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बाद में शांतनु के शव को कब्जे में ले लिया और गोविंद वल्लभ पंत मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले गए.
भौमिक अपने साथियों के साथ मंडाई इस घटना को कवर करने गए थे. बता दें ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब किसी पत्रकार को निशाना बनाया गया हो. इससे पहले कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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