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हमारे लिए कुरान शरीफ सर्वोच्च है, संविधान नहीं: सिद्दिकुल्लाह चौधरी

चौधरी के अलावा भी ऐसे कई अन्य अल्पसंख्यक मंत्री हैं जो यह कह रहे हैं कि धार्मिक मामलों में किसी भी तरह की दखलअंदाजी बर्दाशत नहीं करेंगे

Updated On: Sep 21, 2018 06:22 PM IST

FP Staff

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हमारे लिए कुरान शरीफ सर्वोच्च है, संविधान नहीं: सिद्दिकुल्लाह चौधरी

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बीते गुरुवार को तीन तलाक से जुड़े मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 को कुछ संशोधन के साथ मंजूरी दे देने के दूसरे ही दिन जमात-ए-इस्लामी हिंद के राज्य अध्यक्ष और राज्य मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि कुरानशरीफ किसी भी संवैधानिक प्रावधान या कानून के ऊपर है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार चौधरी के अलावा भी ऐसे कई अन्य अल्पसंख्यक मंत्री हैं जो यह कह रहे हैं कि धार्मिक मामलों में किसी भी तरह की दखलअंदाजी बर्दाशत नहीं करेंगे. हालांकि चौधरी इस फैसले के बाद ज्यादा खफा दिखे. उन्होंने कहा, हमारे लिए, हमारे पवित्र शास्त्र, कुरान शरीफ सर्वोच्च हैं और यदि कोई संवैधानिक प्रावधान या कोई कानून कुरान के विरूद्ध है, तो हमारा ग्रंथ प्रबल होगा, ना कि कानून या संविधान.

बीजेपी धर्म कार्ड और संविधान के साथ खेल रही है. मुसलमानों पर अध्यादेश का कोई असर नहीं पड़ेगा. कोई भी इसका पालन नहीं करेगा, लेकिन धर्म और पवित्र कुरान का पालन जरूर करेगा. बीजेपी चाहे जो भी करे, वे हिंदुओं या मुस्लिमों को प्रभावित नहीं कर पाएगी. अध्यादेश हिंदू वोट जीतने का एक तरीका है, जिसमें वो सफल नहीं होंगे. हिंदू और मुस्लिम दोनों ही मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर फेंक देंगे.

ट्रिपल तलाक से नहीं बल्कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा से चिंतित होना चाहिए

चौधरी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र को महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा से चिंतित होना चाहिए. हर दिन, महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है. हर दिन, महिलाओं को जला दिया जाता है और बर्बाद कर दिया जाता है. वो क्या (केंद्र में बीजेपी सरकार) कर रहे हैं? वो इसके बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं. लेकिन सस्ते वोट बैंक की राजनीति के लिए, मुसलमानों की भावनाओं को नुकसान जरूर पहुंचाते हैं.

इस बीच, मुस्लिम संगठन अध्यादेश के खिलाफ विरोध करने की योजना बना रहे हैं. उधर ऑल इंडिया अल्पसंख्यक युवा फोरम के महासचिव एमडी कामरुज़मान ने कहा, भारत एक बहुलवादी, धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन बीजेपी द्वारा लाया गया यह अध्यादेश मुसलमानों और संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. हम इसके खिलाफ अपनी कार्यवाही के बारे में फैसला करने के लिए जल्द ही एक बैठक करेंगे. हालांकि, बीजेपी राज्य के नेताओं ने केंद्र सरकार के कदम की सराहना करते हुए कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अध्यादेश पारित करके देश में मुस्लिम महिलाओं की मदद की है.

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा,यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर उठाया गया था. ऐसे ही केंद्र सरकार लोकसभा द्वारा पारित ट्रिपल तालक बिल पेश करने के लिए आगे नहीं बढ़ी थी.

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