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नदियों में प्रदूषण रोकने में नाकाम तमिलनाडु सरकार पर लगा 100 करोड़ जुर्माना

NGT के लगाए जुर्माने की राशि का इस्तेमाल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पर्यावरण को हुए नुकसान कि भरपाई के लिए किया जाएगा

Updated On: Feb 16, 2019 05:06 PM IST

FP Staff

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नदियों में प्रदूषण रोकने में नाकाम तमिलनाडु सरकार पर लगा 100 करोड़ जुर्माना

एनजीटी ने अडयार और कूवम नदियों में अतिक्रमण हटाने और प्रदूषण रोकने में असामान्य देरी को लेकर तमिलनाडु सरकार पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपए का कार्य निष्पादन गारंटी देने और यह राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करने का निर्देश दिया.

साथ ही निर्देश में यह लिखा गया है कि राज्य की लगातार असफलताओं के मद्देनजर, हमने तमिलनाडु सकार को 100 करोड़ का मुआवजा भरने का ऑर्डर दिया है. इस राशि का इस्तेमाल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के साथ पर्यावरण को हुए नुकसान कि भरपाई के लिए किया जाएगा.

न्यूज़ 18 के अनुसार हालांकि अंतिम फैसला लेने से पहले, सीपीसीबी, भारतीय विज्ञान संस्थान-बेंगलुरु, मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, एनईईआरआई और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति, पर्यावरण के साथ-साथ नुकसान के कारणों और मात्रा का आकलन कर सकती है. पर्यावरण की बहाली के लिए आवश्यक कदम जो कार्य योजना में शामिल नहीं हैं, उठाए जाएंगे.'

NGT

2015 में शुरू हुई परियोजना का कोई फायदा नहीं हुआ 

एनजीटी का मानना है कि जल निकायों में सीवेज और प्रदूषकों के उपचार में विफलता एक 'आपराधिक अपराध' है और इसकी अनुमति देने वाला कोई भी व्यक्ति उसका उत्तरदायी है.

ट्रिब्यूनल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को अगले तीन महीने तक हर 15 दिनों में एक बैठक करने और मासिक आधार पर होने वाली प्रोग्रेस की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. ट्रिब्यूनल का कहना है कि हालांकि 2015 में एक एकीकृत कोऊम नदी पुनर्स्थापन परियोजना शुरू की गई थी, लेकिन इसका विकास संतोषजनक नहीं है.

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