पत्रकार गौरी लंकेश को याद करते हुए लेखकों की वैश्विक संस्था पीईएन इंटरनेशनल ने शनिवार को कहा कि भारत सरकार को अपने लेखकों, पत्रकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने वालों का संरक्षण करना चाहिए. लंकेश की 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरू में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी.
पीईएन इंटरनेशनल ने 25 से 29 सितम्बर तक आयोजित अपने 84वें कांग्रेस के आखिर में कहा, ‘भारत में मुक्त अभिव्यक्ति का माहौल पिछले कुछ वर्षों में काफी खराब हुआ है.’
प्रत्येक वर्ष पीईएन इंटरनेशनल उस देश के लिए एक ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ रिपोर्ट तैयार करता है जहां उसके कांग्रेस का आयोजन होता है. भारत के संबंध में एक रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई.
संगठन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे असहमति की आवाज, चाहे वह पत्रकारों, लेखकों, शिक्षाविदों या छात्रों की हो, उसे धमकी, प्रताड़ना, मुकदमे, आनलाइन दुर्व्यवहार और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है.’
इसमें कहा गया है, ‘पीईएन इंटरनेशनल भारतीय प्राधिकारियों का आह्वान करता है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने वाले लेखकों, पत्रकारों और सभी अन्य व्यक्तियों का संरक्षण करें और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दायित्वों के अनुरूप कानून लायें.’
विज्ञप्ति में पीईएन इंटरनेशनल अध्यक्ष और अमेरिकी-मेक्सिकन लेखिका जेनिफर क्लीमेंट के हवाले से कहा गया है कि संगठन ‘(पत्रकार) गौरी लंकेश का सम्मान करता है जिनकी एक वर्ष पहले उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.’’
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