हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
साल 2010 के बाद इस साल यानी साल 2018 में सबसे ज्यादा युवा अलग-अलग आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. करीब 130 युवाओं ने इस साल जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का दामन थामा है. और इनमें से अधिकतर नौजवान अलकायदा से वैचारिक जुड़ाव रखने वाले समूहों से जुड़े हैं.
अधिकारियों के अनुसार 31 जुलाई तक 131 युवा अलग-अलग आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. इसमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की है. जहां से 35 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं. पिछले साल 126 स्थानीय लोग इन गुटों से जुड़े थे.
वानी के बाद मूसा कर रहा है युवाओं को आतंक की तरफ आकर्षित
अधिकारियों ने बताया कि कई युवा अंसार गजवत-उल-हिंद में शामिल हो रहे हैं. यह समूह अलकायदा के समर्थन का दावा करता है और इसका नेतृत्व जाकिर रशीद भट उर्फ जाकिर मूसा करता है. मूसा पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है.
इस समूह की स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ रही है क्योंकि मूसा एकमात्र ऐसा आतंकी है जिसने हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेताओं का दबदबा खत्म किया है. साथ ही उसने कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताने पर सर कलम कर देने की धमकी दी है.
कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि ‘शरीयत या शहादत’ के मूसा के नारे ने पाकिस्तान के समर्थन वाले वर्षों पुराने नारे की जगह ले ली है. उसने इंजीनियरिंग कॉलेज की पढाई बीच में ही छोड़ दी. हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद 24 वर्षीय आतंकी ने युवाओं को आकर्षित किया है. वानी साल 2016 में मारा गया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह पढाई के साथ खेल में भी अच्छा था और अंतर राज्यीय कैरम चैंपियनशिप में उसने राज्य का प्रतिनिधित्व किया था. यह बड़ी वजह है कि वह घाटी में कई नौजवानों के लिए नायक की तरह उभरने लगा.
माना जाता है कि वह यमन-अमेरिकी मूल के प्रचारक अनवार अल अवलाकी से प्रभावित है जो सितंबर 2011 में अफगानिस्तान में गठबंधन बल के हमले में मारा गया था. मूसा मुख्य तौर पर अपने संगठन के लिए भर्ती पर फोकस कर रहा है और नौजवानों को हथियार उठाने के लिए उकसा रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रेरित करने वाली उसकी क्षमता के कारण लश्कर-ए-तैयबा जैसा आतंकी संगठन भी तब भौंचक रह गया जब वह अबू दुजाना को अपने समूह में ले आया. अबू दुजाना मारा गया था. जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार भले ही अंसार गजवत उल हिंद का घाटी में बहुत आधार नहीं हो लेकिन गांव और कस्बे में उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.
प्रतिबंधित आईएसआईएस से संबद्ध आईएसजेके को लेकर भी युवाओं में आकर्षण था लेकिन इसके प्रमुख दाऊद सोफी के मारे जाने के बाद समूह का कोई नामलेवा नहीं है.
पांच जिलों से 100 आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा कि शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और अवंतीपुरा जिलों वाले सबसे अशांत दक्षिण कश्मीर में सबसे ज्यादा युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं. कश्मीर घाटी में इन पांच जिलों से 100 से ज्यादा युवक विभिन्न आतंकी समूह में शामिल हुए हैं. राज्य विधानसभा और संसद में पेश हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2010 के बाद इस साल यह आंकड़ा शीर्ष पर है.
आंकड़े से पता चलता है कि 2010 से 2013 की तुलना में वर्ष 2014 के बाद घाटी में हथियार उठाने वाले नौजवानों की संख्या बढ़ती गई है. वर्ष 2010 से 2013 तक यह आंकड़ा क्रमश: 54, 23, 21 और छह था. वर्ष 2014 में यह संख्या बढ़कर 53 हो गई और 2015 में 66 वहीं 2016 में यह 88 तक चली गई.