एक साल बाद दिल्ली में शवों को दफनाने के लिए जमीन नहीं बचेगी. हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में ये बात कही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी रिपोर्ट में इस पर तुरंत उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है.
रिपोर्ट में एक रिसर्च के हवाले से कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के 13 हजार शवों को हर साल दफनाया जाता है. अब सिर्फ 29 हजार 370 कब्रों के लिए जगह बची है. इस लिहाज से सिर्फ 2019 तक ही शवों को दफना पाएंगे. अगर इस दिशा में सरकार ने तुरंत कदम नहीं उठाए तो फिर स्थिति खराब हो सकती है. 2020 में शवों को दफनाने के लिए जगह ही नहीं बचेगी.
फिलहाल दिल्ली में कुल 704 कब्रिस्तान हैं. इसमें से 131 में अंतिम संस्कार होते हैं. इन 131 में से 16 अतिक्रमण की चपेट में हैं और 43 पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय की बढ़ती आबादी की तुलना में सरकार ने कब्रिस्तानों का विकास उतना नहीं किया.
दिल्ली सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुधार लाने का वादा किया है. सरकार से सिफारिश की गई है कि दिल्ली में अस्थायी कब्रिस्तानों का विकास किया जाए और स्थायी रूप से जमीन उपलब्ध कराई जाए.
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