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आलोक वर्मा के बाद अब राकेश अस्थाना का हुआ तबादला, दी गई सिविल एविएशन की जिम्मेदारी

सीबीआई के नंबर दो अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की भी हुई छुट्टी

Updated On: Jan 17, 2019 09:03 PM IST

FP Staff

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आलोक वर्मा के बाद अब राकेश अस्थाना का हुआ तबादला, दी गई सिविल एविएशन की जिम्मेदारी

आलोक वर्मा के बाद अब सीबीआई के नंबर दो अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की भी छुट्टी कर दी गई है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने गुरुवार शाम को इस संबंध में अपना आदेश जारी कर दिया.

अस्थाना समेत चार सीबीआई अधिकारियों का कार्यकाल घटा दिया गया है. इसके साथ ही उनका दूसरे डिपार्टमेंट में तबादला किया गया है. राकेश अस्थाना को सिविल एविएशन की जिम्मेदारी दी गई है. जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है वो हैं संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा, DIG मनीष कुमार सिन्हा और SP जयंत जे. नाइकनवरे.

इससे पहले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को राहत नहीं दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी. हाई कोर्ट ने 10 हफ्ते में जांच पूरा करने का आदेश दिया है. अस्थाना ने हाई कोर्ट से FIR हटाने की मांग की थी. राकेश अस्थाना ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था.

पिछले दिनों आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद सेलेक्शन पैनल ने उन्हें डायरेक्टर के पद से हटा दिया था.

शिकायतकर्ता ने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, मनमानापन और गंभीर कदाचार के आरोप लगाए थे

पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने कहा था कि अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में FIR दर्ज करते समय सभी अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन किया गया था. शिकायतकर्ता हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना ने आरोप लगाया था कि उसने एक मामले में राहत पाने के लिए रिश्वत दी थी. सना ने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, मनमानापन और गंभीर कदाचार के आरोप लगाए थे. सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई थी.

आलोक वर्मा को डायरेक्टर के पद से हटाने के बाद एम नागेश्वर राव को अंतरिम जिम्मेदारी दी गई. लेकिन उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार लिया है. 'कॉमन कॉज़' नामक एनजीओ की याचिका पर शीर्ष अदालत अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एनएल राव और जस्टिस एसके कौल की पीठ के सामने बुधवार को इस मामले को रखा गया.

परंपरा के मुताबिक, सीबीआई डायरेक्टर के रिटायर होने के एक महीने पहले से ही उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी जाती है

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