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Sterlite Protest: 100 दिनों से चल रहा विरोध अचानक क्यों हुआ हिंसक, जानिए पूरी कहानी

मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में 11 लोगों की मौत हो गई है. स्थिति को देखते हुए तूतूकुड़ी में धारा 144 लागू कर दी गई है.

Updated On: May 23, 2018 02:08 PM IST

FP Staff

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Sterlite Protest: 100 दिनों से चल रहा विरोध अचानक क्यों हुआ हिंसक, जानिए पूरी कहानी

तमिलनाडु में वेदांता के स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में 11 लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि 11 लोगों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई है. स्थिति को देखते हुए तूतूकुड़ी में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसी के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है. मंगलवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 30 लोग घायल हुए थे.

वहीं प्रदर्शन का असर बुधवार को भी देखने को मिला. शहर की कई दुकानें बंद पाई गई है. प्रदर्शन का समर्थन करते हुए मछुआरों ने भी काम करने से इनकार कर दिया है. इसी के साथ शहर में बस सर्विस पर भी काफी हद तक रोक लगा दी गई है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री या कैबिनेट का कोई मंत्री भी शहर तक नहीं पहुंचे हैं.

100 दिनों के बाद क्यों हिंसक हुआ विरोध

स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की डिमांड कर रहे स्थानीय लोग काफी दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. मगर 100वें दिन यानी मंगलवार को प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया.

इस प्रदर्शन में हजार से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. खबरों के मुताबिक डीएमके के कुछ कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए थे. ये भीड़ तूतूकुड़ी में कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरना देने की योजना बना रही थी. मगर सुरक्षा बल ने बीच में ही भीड़ को रोक दिया और प्लांट के आस-पास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी.

दरअसल प्रदर्शनकारियों को जब स्टरलाइट प्लांट की तरफ जाने से रोका गया तो वे पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर फेंकने लगे. प्रदर्शनकारी कलेक्टर ऑफिस का घेराव करने की भी कोशिश कर रहे थे.

भीड़ को तितरबितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. कलेक्टर ऑफिस के अहाते में खड़ी गाड़ियों में गुस्साए भीड़ ने आग लगा दी. भीड़ काबू से बाहर होने की वजह से पुलिस ने अतिरिक्त बल मंगाए. आसपास के जिलों से करीब 2000 से ज्यादा पुलिस बल तूतूकुड़ी पहुंचे ताकि हालात पर काबू पाया जा सके.

किट्टू नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि ये प्रदर्शन मंगलवार को सुबह 10 बजे शुरू हुआ. लेकिन पुलिस ने हम पर लाठी चार्ज कर सबसे पहले हिंसा शुरू की. उन्होंने बच्चों और औरतों को भी नहीं छोड़ा. हम ने खुद के बचाव में पत्थर फेंकने शुरू किए. प्रदर्शनकारी ने बताया कि इस प्रदर्शन में किसी भी पार्टी का कोई भी नेता शामिल नहीं था. हम तूतूकुड़ी के रहने वाले हैं, जो स्टरलाइट के दूषित पानी से निजात चाहते हैं.

वहीं डीएमके इस पूरे हंगामे को रोकने में नाकाम रही सत्ताधारी एआईडीएमके पर निशाना साध रही है. एमके स्टालिन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रदर्शन के बारे में पहले से जानकारी होने के बावजूद सरकार ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए तमिलनाडु सरकार को जल्द से जल्द स्टरलाइट प्लांट को बंद कर देना चाहिए. बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए स्टालिन तूतूकुड़ी भी जाएंगे. बताया जा रहा है कि मक्कल निधि मय्यम पार्टी अध्यक्ष कमल हसन भी बुधवार को तूतूकुड़ी पहुंचेंगे.

क्या है विरोध की वजह?

स्थानीय लोग पिछले काफी समय से स्टरलाइट प्लांट के विस्तार का विरोध कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्लांट की वजह से इलाके का पानी दूषित हो गया है. इसलिए वह चाहते है कि प्लांट को बंद कर दिया जाए. पुलिस का कहना है कि मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर प्लांट के आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई.

इससे पहले तमिलनाडु के सीएम ने ऐलान किया था कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 3 लाख रुपए दिए जाएंगे. साथ ही इस घटना की जांच के लिए एक कमीशन बनाया जाएगा. वहीं तमिलनाडु के डीजीपी टी के राजेंद्रन ने कहा, 'तूतीकोरीन के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम कोशिश कर रहे हैं कि हालात पर काबू पाया जा सके. फायरिंग की वजह से अगर किसी की मौत हुई है तो हम जांच करेंगे.' बता दें, तूतूकुड़ी को तूतीकोरीन के नाम से भी जाना जाता है.

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