भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में बैंकों ने भूषण स्टील, एस्सार स्टील और इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है. बैंकों ने दिवाला शोधन और अक्षमता संहिता के तहत कर्ज की वूसली का इन कंपनियों का मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को भेज दिया है.
एसबीआई की अध्यक्षता में हुई मैराथन बैठक में यह फैसला किया गया. भूषण स्टील पर बैंकों का 44,478 करोड़ रुपए बकाया है, जबकि एस्सार स्टील पर 37,284 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रोस्टील्स पर 10,273.6 करोड़ रुपए का बकाया है.
रिजर्व बैंक ने 12 ऐसे खातों की पहचान की थी, जिन्हें तत्काल एनसीएलटी के पास भेजे जाने की जरूरत है. ये तीन खाते इन 12 में से ही हैं.
आईडीबीआई की अगुवाई में बैंकों की बैठक होने जा रही है जिसमें भूषण पावर एंड स्टील के बारे में फैसला किया जाएगा. भूषण पावर एंड स्टील पर बैंकों का 37,248 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है. हालांकि इस घटनाक्रम के बारे में इन तीनों कंपनियों से पुष्टि नहीं की जा सकी.
इन तीन खातों के अलावा अन्य दबाव वाले खाते हैं, एमटेक आटो 14,074 करोड़ रुपए, आलोक इंडस्ट्रीज 22,075 करोड़ रुपए, मोनेट इस्पात 12,115 करोड़ रपये और लैंको इन्फ्रा 44,364.6 करोड़ रुपए.
ईरा इन्फ्रा पर 10,065.4 करोड़ रुपए, जेपी इन्फ्राटेक पर 9,635 करोड़ रुपए, एबीजी शिपयार्ड पर 6,953 करोड़ रुपए और ज्योति स्ट्रक्चर्स पर 5,165 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है.
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