महिला से छेड़छाड़ और धमकाने के मामले में 'बिग बॉस’ के प्रतिभागी स्वामी ओम और उसके साथी को दिल्ली की अदालत ने 20 मार्च तक अंतरिम राहत दे दी है.
दिल्ली पुलिस ने डीसीपी कार्यालय में लगे सीसीटीवी का फुटेज पेश ना करने पर विशेष न्यायाधीश हिमानी मल्होत्रा ने आरोपी को राहत दे दी. स्वामी ओम ने दावा किया था कि वह कथित घटना के दिन सुरक्षा की मांग को लेकर वरिष्ठ पुलिस कर्मियों से मिलने के लिए वहां गए थे.
पुलिस ने अदालत से कहा कि उसके रिकॉर्ड में पिछले 15 दिन की वीडियो फुटेज है. जैसा आरोपी ने दावा किया कि वह सात फरवरी को डीसीपी कार्यालय गए थे. यह रिकार्ड में नहीं है और उसे डेटा दोबारा हासिल करना होगा.
अदालत ने फुटेज दोबारा हासिल करने के लिए पुलिस को छह दिन का समय दिया. उसने 20 मार्च तक फुटेज सौंपने के निर्देश दिए और कहा कि तब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाए.
अदालत स्वामी ओम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ओम ने आरोप लगाया है कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया क्योंकि वह भारतीय संस्कृति का प्रचार करते आए हैं. असामाजिक तत्व उनकी ‘सामाजिक गतिविधि’ को रोकना चाहते हैं.
याचिका दायर करने वाले वकील ए पी सिंह ने कहा कि अग्रिम जमानत देने पर आरोपी के सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है. वह अपनी आजादी का दुरूपयोग नहीं करेंगे.
महिला ने दर्ज कराई गयी रिपोर्ट के अनुसार स्वामी ओम और उनके साथी ने उसे गलत तरीके से रोका और गाली गलौज किया तथा आपत्तिजनक हरकतें कीं.
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