सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की प्रक्रिया को लेकर केंद्र को आड़े हाथों लिया और कहा कि ऐसा लगता है कि वह इस कवायद को आगे नहीं बढ़ने देने पर तुला हुआ है.
कोर्ट ने चुनाव ड्यूटी में केंद्रीय सशस्त्र बलों की भूमिका को देखते हुए दो हफ्ते तक राष्ट्रीय नागरिक पंजी का कार्य रोकने के लिए गृह मंत्रालय की याचिका पर उसे फटकार लगाई.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह दोहराया कि एनआरसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 31 जुलाई की तय समय सीमा आगे नहीं बढ़ायी जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र इसकी प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहा है और ऐसा लगता है कि गृह मंत्रालय का यह पूरा प्रयास एनआरसी की प्रक्रिया को बर्बाद करने के लिए है.
कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को चुनाव डयूटी से राज्य के कुछ अधिकारियों को अलग रखने पर विचार करने के लिए कहा है कि ताकि यह सुनिश्चित हो कि एनआरसी की प्रक्रिया जारी रहे.
शीर्ष अदालत ने 24 जनवरी को कहा था कि असम के लिए नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की 31 जुलाई, 2019 की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है. उसने राज्य सरकार, एनआरसी कोऑर्डिनेटर और निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि आगामी आम चुनावों से एनआरसी तैयार करने की कवायद धीमी नहीं पड़े.
असम के लिए एनआरसी ड्राफ्ट 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें राज्य के 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल थे. सूची में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे. इनमें से 37,59,630 नामों को अस्वीकार कर दिया गया है जबकि शेष 2,48,077 नामों को रोक लिया गया था.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.