सुप्रीम कोर्ट में असम एनआरसी मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने राज्य के एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को निर्देश दिया है कि वो एनआरसी के अंतिम मसौदे से बाहरी आबादी का जिलेवार प्रतिशत का आंकड़ा उपलब्ध कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि असम एनआरसी पर दावे और आपत्तियों को 30 अगस्त से स्वीकार किया जाएगा.
#NRCAssam matter to be next heard on August 28. https://t.co/MZAgo7T4Ya
— ANI (@ANI) August 16, 2018
कोर्ट ने प्रदेश एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को निर्देश दिया है कि वह मसौदा एनआरसी की प्रतियां सभी पंचायत दफ्तरों में उपलब्ध कराए जिससे लोग इसे आसानी से देख सकें. कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि 20 अगस्त से असम एनआरसी मुद्दे पर दावे और आपत्ति से जुड़े फॉर्म आम लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे.
कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए प्रतीक हजेला से कहा कि वे वो एनआरसी मुद्दे पर एक विस्तृत रिपोर्ट सील बंद कवर में कोर्ट में पेश करें. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी शामिल करें कि किस जिले से कितने प्रतिशत लोगों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.
30 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद से ही विवाद चला आ रहा है. विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार ने ये कदम अपने फायदे के लिए उठाया है. असम में जारी हुए एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं. विपक्ष बीजेपी पर धर्म और भाषाई आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही है.
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