सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून का दुरुपयोग जातिवादी नफरत फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. कानून सबके लिए होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कठोर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के दुरुपयोग पर विचार करते हुए मंगलवार को कहा कि इस कानून के तहत दर्ज ऐसे मामलों में फौरन गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि एससी/ एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में किसी भी लोक सेवक की गिरफ्तारी से पहले न्यूनतम पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी से प्राथमिक जांच जरूर कराई जानी चाहिए.
जस्टिस, आदर्श गोयल और जस्टिस यू. यू. ललित की बेंच ने कहा कि लोक सेवकों के खिलाफ एससी/ एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में अग्रिम जमानत देने पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है.
बेंच ने यह भी कहा कि एससी/ एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद ही किसी लोक सेवक को गिरफ्तार किया जा सकता है.
बेंच ने कहा कि इस एक्ट के तहत बनने वाले केस भी असाधारण श्रेणी में आते हैं और उनकी भी प्राथमिक जांच होनी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर इस मामले में एफआईआर दर्ज हो भी गई है, तो भी आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
कोर्ट ने कहा कि एक नौकरशाह को गिरफ्तार करने के लिए अपॉइंटिंग अथॉरिटी की सहमति जरूरी होगी, वहीं दूसरों की गिरफ्तारी के लिए सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट या डीएसपी की लिखित सहमति की जरूरत पड़ेगी.
(एजेंसी से इनपुट)
घायल युवक की पहचान अजीत पिता शिवशंकर 20 साल के रूप में हुई है. उसे गंभीर हालत में सिवनी मालवा अस्पताल में भर्ती कराया गया
इस तीसरे गठबंधन का भी एक ही नारा है 'मोदी हटाओ' यानी मुद्दा वही जो यूपीए का है
चिदंबरम ने कहा, जेटली जी ने लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा से राष्ट्रीय सुरक्षा पर सलाह देने के आग्रह को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पर उन्हें यह भी कहना चाहिए था कि बीजेपी को किसी सलाह की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास मोदी जी हैं
जहरीली शराब पीने से असम के चाय बागानों में काम करने वाले कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई है. अकेले गोलाघाट जिले में 39 लोगों की मौत हुई है
आलिया भट्ट की नकल करते रणबीर कपूर लगते हैं बेहद क्यूट