आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को नौकरी और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि हम इस मामले का निरीक्षण करेंगे. हालांकि कोर्ट ने इसपर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है. सरकार को नोटिस का जवाब 4 सप्ताह के अंदर देना है.
Supreme Court also refuses to stay implementation of 10 per cent reservation to the economically weaker section of general category. A bench of CJI Ranjan Gogoi says “we will examine the issue.” https://t.co/nLEnpg2CyG
— ANI (@ANI) January 25, 2019
सीजेआई रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि इस मामले पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई 4 सप्ताह के अंदर होगी. सुप्रीम कोर्ट में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की गई थी. इन याचिकाओं में कोर्ट से आरक्षण देने पर रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया.
हाल ही में केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल संसद से पास कराया था. राज्यसभा और लोकसभा से बिल के पारित होने के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के साथ ही यह विधेयक कानून बन चुका है.
याचिकाओं में संशोधन को खारिज करने की मांग की गई थी और कहा गया था कि आरक्षण देने का एकमात्र आधार आर्थिक नहीं हो सकता है. याचिका में कहा गया है कि यह संविधान की मूल भाव का उल्लंघन करता है क्योंकि आर्थिक आधार पर आरक्षण सामान्य श्रेणियों तक सीमित नहीं हो सकता है और 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.