live
S M L

नाबालिग लड़कियों के खतना से जुड़ी याचिका SC ने संविधान पीठ को भेजी

याचिका में कहा गया, 'अवैध तरीके से की बच्चियों का खतना किया जाता है और यह बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते, मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की सार्वभौमिक घोषणा के खिलाफ है'

Updated On: Sep 24, 2018 01:30 PM IST

Bhasha

0
नाबालिग लड़कियों के खतना से जुड़ी याचिका SC ने संविधान पीठ को भेजी

सुप्रीम कोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिमों में प्रचलित बच्चियों के खतना की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को 5 जजों वाली एक संविधान पीठ को भेज दी है.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ दिल्ली के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग बच्चियों का खतना किए जाने की प्रथा को चुनौती दी गई है.

याचिका में कहा गया, 'अवैध तरीके से (5 साल से लेकर उनके किशोरी होने से पहले तक) की बच्चियों का खतना किया जाता है और यह बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते, मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की सार्वभौमिक घोषणा के खिलाफ है जिसमें भारत भी एक हस्ताक्षरकर्ता है.'

साथ ही इसमें कहा गया कि इस प्रथा के चलते, 'बच्चियों के शरीर में स्थायी रूप से विकृति आ जाती है.'

दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के एक समूह ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि बच्चियों का खतना इस्लाम के कुछ संप्रदायों में किया जाता है जिसमें दाऊदी बोहरा समुदाय भी शामिल है. और अगर इसकी वैधता का आकलन किया जाता है तो उसे एक बड़ी संविधान पीठ से कराया जाना चाहिए.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi