live
S M L

मुंबई डांस बार लाइसेंस केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदली

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि उसने एक भी डांस बार को संचालन की अनुमति क्यों नहीं दी और कहा कि क्या राज्य में पूरी तरह से नैतिकता की ठेकेदारी चल रही है

Updated On: Aug 10, 2018 12:11 PM IST

Bhasha

0
मुंबई डांस बार लाइसेंस केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदली

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि उसने एक भी डांस बार को संचालन की अनुमति क्यों नहीं दी और कहा कि क्या राज्य में पूरी तरह से नैतिकता की ठेकेदारी चल रही है. कोर्ट ने डांस बारों को लाइसेंस नहीं देने के लिए राज्य सरकार से सवाल किए और कहा कि समय बदलने के साथ, अश्लीलता की परिभाषा भी बदली है.

न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि अब कानून और समाज ने भी 'लिव इन' जैसे संबंधों को मान्यता दी है जबकि यह पहले स्वीकार्य नहीं था. राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा कि उसने अदालत के बार-बार के आदेशों के बाद भी डांस बार संचालन के लिए एक भी लाइसेंस नहीं दिया है.

पीठ ने कहा, 'ऐसा लगता है कि राज्य में पूरी तरह से नैतिकता की ठेकेदारी चल रही है.' महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे और अधिवक्ता निशांत आर कटनेश्वरकार ने कहा कि डांस बार का लाइसेंस मांगने वाले सभी 81 आवेदनों को दमकल विभाग से मंजूरी नहीं मिली. होटल एवं रेस्त्रां मालिकों, बार गर्ल्स और अन्य ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर महाराष्ट्र में होटल, रेस्त्रां, बार रूम में अश्लील डांस रोकथाम और महिलाओं की गरिमा संरक्षण कानून 2016 को चुनौती दी है.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi