सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों (हरित पटाखों) के अलावा किसी और तरह के पटाखे नहीं बेचे जा सकेंगे.
बुधवार को जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि त्योहार के इस सीजन में जो पटाखे पहले से बनाए जा चुके हैं उन्हें देश के अन्य हिस्सों में बेचा जाए.
Supreme Court clarifies #firecrackers other than #greencrackers will not be sold in Delhi-NCR region this festival season.
— All India Radio News (@airnewsalerts) October 31, 2018
कोर्ट ने कहा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अन्य दक्षिणी राज्यों में त्योहारों के मौसम में पटाखे केवल तड़के सुबह 4 से 5 बजे और रात के 9 से 10 के बीच एक-एक घंटे के लिए ही चलाए जाएं.
कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि सामुदायिक रूप से पटाखे फोड़ने के संबंध में उसका निर्देश पूरे देश में दो घंटे के लिए लागू होगा. न्यायालय ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों (ऑनलाइन) के माध्यम से पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध देश भर में लागू है.
दरअसल पूरा दिल्ली-एनसीआर इस समय बेहद गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. यहां की आबो-हवा बेहद जहरीली हो चुकी है. इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों में सांस जनित बीमारियों में इजाफा हुआ है. डॉक्टरों ने ऐसे सभी लोगों को घर से बाहर गैर जरूरी काम और टहलने के मना किया है. वायु प्रदूषण की इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर यह सख्ती बरती है.
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