जम्मू-कश्मीर में गैर मुस्लिमों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 4 सप्ताह के लिए टाल दी है.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की कि जम्मू-कश्मीर सरकार अल्पसंख्यक समूहों की पहचान के लिए अल्पसंख्यक आयोग बनाने की बात से पीछे हट गई है.
अटॉर्नी जनरल की शिकायत पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में एक खाका तैयार करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाया था.
दिल्ली बीजेपी के नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने पंजाब और जम्मू-कश्मीर के अलावा मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणीपुर, और लक्ष्यद्वीप में हिंदुओं को अल्पसंख्यक की दर्जा देने की मांग की थी.
उपाध्याय ने कहा था कि इन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक है लेकिन उनके साथ बहुसंख्यक जैसा व्यवहार किया जाता है.
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस मुद्दे को तय करने का काम राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का है इसलिए आप इस आयोग से संपर्क करिए.
दिसंबर, 2017 में शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस मामले पर जम्मू-कश्मीर सरकार को कानून बनाने के लिए निर्देशित नहीं कर सकता. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 8 सप्ताह के लिए टाल दी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग बनाने पर विचार विमर्श करने की सलाह दी थी.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.