live
S M L

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी, 2018 को अगली सुनवाई

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में विशेष रूप से बनाई गई तीन जजों की बेंच इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 में दिए फैसले के खिलाफ दर्ज कुल 13 अर्जियों पर सुनवाई करेगी

Updated On: Dec 05, 2017 04:45 PM IST

FP Staff

0
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी, 2018 को अगली सुनवाई

बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई शुरू होने के कुछ देर बाद अदालत ने 8 फरवरी, 2018 को इस मामले की अगली तारीख दे दी.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर की विशेष रूप से बनाई गई खंडपीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 में दिए फैसले के खिलाफ दर्ज कुल 13 अर्जियों पर सुनवाई करेगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने सुनाए फैसले में अयोध्या के विवादित 2.77 एकड़ क्षेत्र को मामले के तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और भगवान रामलला में बांट दिया था.

विवाद का हल निकालने के लिए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, यूपी के बैनर के तहत मुस्लिमों के एक धड़े ने कुछ समय पहले अदालत से कहा था कि अयोध्या में विवादित स्थल से 'उचित दूरी' पर मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद का निर्माण कराया जा सकता है.

Supreme Court of India

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

हालांकि, ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया. उसने दावा किया कि दोनों समुदायों के बीच 1946 में ही इसपर न्यायिक निर्णय मस्जिद की घोषणा कर किया जा चुका था. यह मस्जिद सुन्नी समुदाय का था जिसे 6 दिसंबर 1992 को ढहा दिया गया था.

पिछले दिनों नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद में यह कहकर दखल देने की गुहार लगाई थी कि यह केवल संपत्ति का विवाद नहीं है. बल्कि इसके कई अन्य पहलु हैं जिनका इस देश के धर्मनिरपेक्षता पर काफी दूरगामी असर पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए निर्देॆशों का पालन करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले से जु़ड़े दस्तावेजों का अंग्रेजी अनुवाद पेश किया है. ये दस्तावेज 8 अलग-अलग भाषाओं में थे.

कोर्ट में भगवान रामलला की तरफ से वरिष्ठ वकील के पराशरन और सी एस वैद्यनाथन के अलावा वकील सौरभ शमशेरी मौजूद रहेंगे. जबकि, एडिश्नल सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे.

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, अनूप जॉर्ज चौधरी, राजीव धवन और सुशील जैन मामले से जुड़े ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा समेत बाकियों का पक्ष रखेंगे.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi