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कोर्ट में केस लंबित होने के बावजूद राम मंदिर पर कानून ला सकती है सरकार: पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि विधायी प्रक्रिया के जरिए अदालती फैसलों में रुकावट पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं

Updated On: Nov 03, 2018 09:29 AM IST

Bhasha

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कोर्ट में केस लंबित होने के बावजूद राम मंदिर पर कानून ला सकती है सरकार: पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर ने कहा है कि भले ही राम मंदिर निर्माण का मुद्दा कोर्ट में लंबित है, फिर भी सरकार राम मंदिर का मुद्दा ला सकती है.

जस्टिस चेलमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि विधायी प्रक्रिया के जरिए अदालती फैसलों में रुकावट पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं, ऐसे में ये कोई नई बात नहीं होगी अगर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए.

पूर्व जस्टिस, चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानून बनाने की मांग संघ परिवार में बढ़ती जा रही है.

शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में मुंबई पहुंचे जस्टिस ने यह टिप्पणी की.

बता दें कि इस साल की शुरुआत में जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल थे जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे.

शुक्रवार को परिचर्चा सत्र में जब चेलमेश्वर से पूछा गया कि कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान क्या संसद राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है.

उन्होंने कहा, ‘यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं). दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं). मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने कोर्ट के फैसलों में अवरोध पैदा किया था.’

चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा की ओर से एक कानून पारित करने का उदाहरण दिया. उन्होंने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘देश को इन चीजों को लेकर बहुत पहले ही खुला रुख अपनाना चाहिए था....यह (राम मंदिर पर कानून) संभव है, क्योंकि हमने इसे उस वक्त नहीं रोका.’

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