देश में आए दिन मॉब लिंचिंग हो रही है. इन घटनाओं को सुप्रीम कोर्ट ने अपराध करार दिया है. कोर्ट ने इन घटनाओं को अपराध करार दिया है. कोर्ट ने इन घटनाओं पर कहा कि कोई भी शख्स कानून को अपने हाथों में नहीं ले सकता. कोर्ट ने साफ कहा कि इन घटनाओं पर काबू पाना पूरी तरह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि ये कानून व्यवस्था का मामला है. और इन घटनाओं पर काबू पाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने कहा कि केंद्र को परिस्थितियों की जानकारी है और वह इससे निपटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना मुख्य समस्या है.
राज्य सरकार को दिशानिर्देश जारी करे केंद्र
कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है. लोगों की सुरक्षा सरकरा की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने इसके बाद केंद्र को राज्य सरकरा को दिशानिर्देश जारी करन के आदेश दिए हैं.
बच्चा चोर समझ 5 लोगों की हत्या
हाल ही में महाराष्ट्र के धुले से एक मामला सामने आया था जिसमें पांच लोगों को बच्चा चोर समझ कर भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. वहीं सोमवार को मालेगांव में इसी तरह की अफवाह पर भरोसा कर चार लोगों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया.
एक आंकड़े के मुताबिक फर्जी वॉट्सऐप मैसेज के चलते एक साल में 29 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. महज संदेह के आधार पर भीड़ ने 29 लोगों को मार दिया. झारखंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश में भी अफवाहों के चलते भीड़ ने कई लोगों की जान ले ली है.
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