सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम में उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की दुबारा सिफारिश करने पर सिद्धांत रूप में शुक्रवार को सहमति हो गई. सरकार ने पिछले महीने न्यायमूर्ति जोसेफ की फाइल पुनर्विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश को लौटा दी थी.
न्यायमूर्ति जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने ही 2016 में कांग्रेस शासित उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को निरस्त किया था. हालांकि, 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई थी.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कॉलेजियम की करीब एक घंटे बैठक हुई. इस बैठक में कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति जोसेफ कुरियन शामिल हैं. कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि जोसेफ के नाम के साथ ही कुछ अन्य हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों को भी पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की जाएगी.
कॉलेजियम ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा कि केंद्र को अन्य नाम भेजे जाने के मसले पर आगे विचार की आवश्यकता है और इसलिए उसकी बैठक 16 मई के लिए स्थगित कर दी गई.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘प्रधान न्यायाधीश और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में सिद्धांत रूप में यह सहमति बनी है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (मूल हाई कोर्ट केरल) केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की दुबारा सिफारिश की जाना चाहिए.’
प्रस्ताव में आगे कहा गया, ‘हालांकि, यह दोहराते समय शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के नामों की भी साथ में सिफारिश की जानी चाहिए, जिसके लिए विस्तृत विचार की आवश्यकता है.’
इसमें कहा गया, ‘इस तथ्य के मद्देनजर, बैठक बुधवार, 16 मई, 2018 के लिए स्थगित की जाती है.’
चेलामेश्वर ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर जल्द बैठक की मांग की थी
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि कॉलेजियम की बैठक में विचारणीय मुद्दों में न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश करने संबंधी 10 जनवरी के प्रस्ताव को फिर दोहराने और शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के नामों पर विचार करना शामिल था.
कॉलेजियम की शुक्रवार को हुई बैठक की कार्यसूची दो मई वाली ही थी जिसमें न्यायमूर्ति जोसेफ के अलावा कलकत्ता, राजस्थान और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को पदोन्नित देकर शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने पर विचार करना था.
न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलामेश्वर ने नौ मई को प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर उनसे शीघ्र बैठक करके न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम पुन : केंद्र को भेजने का अनुरोध किया था.
इसके बाद ही गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश ने कॉलेजियम की शुक्रवार के लिए बैठक निर्धारित की थी.
कॉलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार से की थी. लेकिन सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी देने के साथ ही 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति जोसेफ की फाइल प्रधान न्यायाधीश को पुन:विचार के लिए लौटा दी थी. विधि और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसके साथ प्रधान न्यायाधीश को पत्र भी लिखकर न्यायमूर्ति जोसेफ की वरिष्ठता सहित कई मुद्दे उठाए थे.
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