सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और मेघालय सरकार को फटकार लगाते हुए 7 जनवरी तक उनके रेस्क्यू ऑपरेशन की स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इससे पहले 3 जनवरी को मेघालय में खदान मजदूरों को बचाने में हो रही देरी पर राज्य सरकार को फटकार लगाया था. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि बचाव कार्य में ढिलाई बरती जा रही है.
जस्टिस ए के सीकरी और अब्दुल नजीर की बेंच ने मेघालय सरकार से पूछा है कि आखिर क्यों अब तक इन मजदूरों को नहीं बचाया जा सका है. सरकारी वकील ने कहा कि मजदूरों की जान बचाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है.
साथ ही उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में केंद्र सरकार भी मदद कर रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं ये जिंदगी और मौत का सवाल है. यहां हर मिनट कीमती है. पीठ ने इन लोगों को निकालने के लिए शीघ्र कदम उठाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद से केंद्र के अटॉर्नी जनरल को बुलाने के लिए कहा ताकि उचित आदेश तत्काल दिया जा सके.
क्या हुआ था
मेघालय के पूर्वी जैंतिया पर्वतीय जिले में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में पास की नदी से पानी चले जाने के बाद से 13 दिसंबर से 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं. मेघालय की 370 फुट गहरी खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने के लिए बीते रविवार को शुरू हुए अभियान से कोई खास नतीजा नहीं निकल सका है क्योंकि भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर खदान की तह तक नहीं पहुंच पाए हैं.
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