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JNU लीडर शेहला रशीद ने क्यों किया फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट

अंकित सक्सेना की मौत के बाद शेहला रशीद ने अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह के समर्थन में पोस्ट लिखा था जिसके बाद उन्हें रेप की धमकियां मिलने लगीं

Updated On: Feb 14, 2018 12:11 PM IST

FP Staff

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JNU लीडर शेहला रशीद ने क्यों किया फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट

छात्र नेता और जेनएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने अपना फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया है. बताया जा रहा है कि अंतरधार्मिक विवाह के समर्थन और अन्य महिलाओं की तरह मुस्लिम महिलाओं को भी अपना साथी को चुनने का अधिकार है, जैसे मामले पर बोलने के कारण उन्हें रेप की धमकियां मिल रही थी. इन्हीं सब कारणों से उन्होंने यह कदम उठाया.

हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में अंकित सक्सेना को उनके मुस्लिम प्रेमिका के घर वालों ने मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया से लेकर हर जगह चर्चा का विषय बन गया. इसी मामले पर शेहला ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा था और कहा था कि मुस्लिम समुदाय को अपनी बहन-बेटियों को अंतरधार्मिक विवाह करने की अनुमति देनी चाहिए.

उन्होंने इसके पीछे तर्क यह दिया था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो आप नैतिक तौर पर आरएसएस के खिलाफ आप 'लव जेहाद' की तथाकथित लड़ाई हार जाएंगे.

शेहला ने अपने फेसबुक पेज पर भी एक पोस्ट लिख कर अंकित की हत्या पर दुःख जाताया था. उन्होंने उस पोस्ट में लिखा था कि युवा अंकित हत्या से दुखी हूं. अंकित की हत्या उसके मुस्लिम प्रेमिका के पिता ने किया. हत्या करने वाले को जरूर सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने अपने इस पोस्ट में लिखा था कि सरकार को कानून ला कर अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह करने वाले कपल की सुरक्षा करनी चाहिए.

जेएनयू छात्र संघ की पूर्व संयुक्त सचिव और वर्तमान में सीपीआई (एमएल) की महिला नेता कविता कृष्णन ने शेहला के समर्थन में पोस्ट लिखा है. उन्होंने इस बात की जानकारी दी है कि शेहला ने अपने फेसबुक अकाउंट को डीएक्टिवेट किया है जबकि उनका फेसबुक पेज अभी भी चालू है. उन्होंने बताया कि शेहला को अंकित सक्सेना के पक्ष में पोस्ट लिखने की वजह से रेप और अन्य तरह की धमकियां दी रही थीं, जिसके बाद शेहला ने अपना फेसबुक अकांउट बंद कर दिया. हालांकि उनका फेसबुक पेज चालू है.

कविता कृष्णन ने अपने पोस्ट में 'मौकापरस्त संघियों' को भी निशाने पर लिया है जो इस पूरे मुद्दे को इस्लामोफोबिक कैंपेन में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. कविता कृष्णन ने यह भी लिखा कि शेहला के बयान का कट्टरपंथी यह अर्थ निकाल रहे हैं कि शेहला मुस्लिम लड़कियों के हिंदू लड़कों से प्रेम को बढ़ावा दे रही हैं, जबकि शेहला सिर्फ यह कहना चाह रही थी कि किसी भी महिला को अपना जीवन साथी अपनी मर्जी से चुनने का अधिकार है और हर किसी को इसका सम्मान करना चाहिए. कविता ने आगे अपने पोस्ट में लिखा है कि शेहला को मिल रही थमकियों को किसी धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बल्कि भारत में हर धर्म और समुदाय के भीतर इस तरह के कट्टरपंथी तत्व मौजूद हैं जिसमें खाप, संघ और दलित विरोधी लोग भी शामिल हैं.

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