जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय. 45 साल के चेतन कुमार चीता पर ये बिल्कुल ठीक बैठता है. कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए दुश्मन की 9 गोलियां खाने वाले चेतन ने मौत को भी मात दे दी है. पिछले दो महीने से अस्पताल में कोमा में रहे सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन कुमार चीता को होश आ गया है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे चेतन को डॉक्टरों ने बुधवार को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया.
CRPF officer Chetan Cheeta welcomed at his residence in Najafgarh in Delhi, who was injured in Bandipora (J&K) encounter being pic.twitter.com/svrCiaxtgH
— ANI (@ANI_news) April 5, 2017
चेतन की बहादुरी सुनकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू उनसे मिलने एम्स आए थे. आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत भी उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. चेतन कुमार चीता का नाम सुर्खियों में भले पहली बार आया हो लेकिन उन्होंने अपनी दिलेरी से हर भारतवासी का सीना चौड़ा और सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है.CRPF officer Chetan Cheeta discharged from AIIMS, Delhi.He got injured in Bandipora encounter, and was undergoing treatment. pic.twitter.com/NAstfGAtAn
— ANI (@ANI_news) April 5, 2017
Miracle! Brave CRPF Comdt Chetan Kr Cheetah survived fatal bullet injuries in an encounter in J&K. Thanks AIIMS Doctors, salute his spirit. pic.twitter.com/05NHz89kAH
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 5, 2017
14 फरवरी के दिन सुरक्षाबलों को बांदीपुरा के हाजिन इलाके में पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिली. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया लेकिन आतंकवादियों को इसकी सूचना पहले ही मिल गई. उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया और घात लगाकर जवानों पर फायरिंग की.
सीआरपीएफ के पैराट्रूपर चेतन आतंकवादियों की 9 गोलियां सीने पर खाने के बावजूद मैदान-ए-जंग में डटे रहे. उन्होंने आतंकियों को निशाना बनाकर 16 रांउड गोलिया फायर की. जबकि, आतंकवादियों ने 30 राउंड गोलियां चलाई. मुठभेड़ में एक आतंकी भाग निकला लेकिन दूसरे को मार गिराया गया. मारा गया आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबु मुसाब था. एनकाउंटर में 3 जवान भी शहीद हुए थे.
बुरी तरह घायल चेतन को पहले श्रीनगर के आर्मी अस्पताल ले जाया गया था. चेतन की बांह, पेट, पेट के निचले हिस्से और जांघ में गोली लगी थी. उनकी बांहों में फ्रैक्चर थे, पेट में गोलियां लगी थीं. एक गोली आंख को चीरती हुई बाहर निकल गई थी. डॉक्टरों ने उनकी शरीर से लगातार बह रहे खून को रोकने के लिए दवाइयां दीं. चेतन की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एयर ऐंबुलेंस से दिल्ली के एम्स ले जाने का फैसला लिया गया. चेतन को जब एयर लिफ्ट कर एम्स लाया गया तो नहीं मालूम था कि उनके शरीर के अंदर कितनी गोलियां थीं.
एम्स लाए जाने के 24 घंटे के भीतर पहले से तैयार डॉक्टरों की एक टीम ने दबाव कम करने के लिए सर्जरी कर चेतन के सिर के एक हिस्से को हटा दिया. उनके गहरे घावों की लगातार सफाई और ड्रेसिंग की जाती रही.
चेतन के इलाज के लिए डॉक्टरों की अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं. नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम ने आंख का इलाज किया, लेकिन दाईं आंख में बुरी तरह से चोट लगने की वजह से ठीक नहीं हो सकी. चेतन की हालत स्थिर होने के बाद विशेषज्ञों की एक टीम ने उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए ऐंटीबायॉटिक थेरपी दी गई. दो महीने के इलाज के बाद उनकी स्थिति ठीक हुई है.#WATCH: CRPF officer Chetan Cheeta, undergoing treatment at AIIMS (Delhi) after being injured in Bandipora encounter, gets discharged. pic.twitter.com/3VgeefV2cu
— ANI (@ANI_news) April 5, 2017
एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक, चेतन चीता को काफी नाजुक हालत में यहां लाया गया था. उनके सिर में गहरी चोट थी. शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह से फ्रैक्चर था और उनकी दाईं आंख गोली लगने की वजह से पूरी तरह से डैमेज हो गई थी.
चेतन का जीसीएस (सिर की चोट की गंभीरता तय करने का टेस्ट) का स्कोर एम3 था, जो अब एम6 है. दो महीने तक लंबे चले इलाज के बाद चेतन अब पूरी तरह होश में हैं. वो लोगों की बातों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
चेतन सिर्फ इलाज और दवाइयों से ही नहीं ठीक हुए बल्कि जिंदा रहने की उनकी इच्छाशक्ति भी उन्हें मौत के मुंह से खींचकर आई है. चेतन कुमार चीता की पत्नी उमा सिंह ने बताया कि, उनके पति मजबूत इरादों वाले और फिटनेस में के प्रति लगाव वाले इंसान हैं.'
उन्होंने कहा कि वो हमेशा से जानती थीं कि उनके पति ठीक होकर एक दिन घर लौट आएंगे.
दिल्ली में रहने वाली उमा ने बताया कि, चेतन हर दिन एक निश्चित समय पर उन्हें फोन करते थे. घटना वाले दिन जब उनका फोन नहीं आया तो वो किसी अनहोनी की आशंका से परेशान हो उठीं. बाद में उन्होंने कंट्रोल रूम में फोन किया तो उन्हें एनकाउंटर में चेतन के घायल होने के बारे में पता चला.
चेतन की बहादुरी और जिंदा रहने की इच्छाशक्ति को सुनकर डॉक्टर से लेकर हर कोई इसे चमत्कार मानकर नमस्कार कर रहा है.
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