कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस. के. मुखर्जी के नौ अक्तूबर को सेवानिवृत्त होने के साथ ही देश में सात उच्च न्यायालय ऐसे हो जाएंगे जो पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश के बिना काम करेंगे.
विधि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फिलहाल, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और मणिपुर उच्च न्यायालय पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश के बिना काम कर रहे हैं.
आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना उच्च न्यायालय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के साथ 30 जुलाई 2016 से काम कर रहा है, जबकि कलकत्ता उच्च न्यायालय एक दिसंबर 2016 से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में काम कर रहा है.
इस साल दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और मणिपुर उच्च न्यायालयों के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे.
इस समय देश के उच्च न्यायालयों में 666 न्यायाधीश काम कर रहे हैं
न्यायमूर्ति मुखर्जी के नाम की सिफारिश पिछले साल मई में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरण के लिए की गई थी. उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसफ के नाम की सिफारिश आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना उच्च न्यायालय में तबादला करने के लिए की गई थी.
हालांकि, उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की दोनों सिफारिशों पर सरकार ने अब तक फैसला नहीं किया है. शीघ्र ही कॉलेजियम इन उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति पर फैसला कर सकती है.
एक सितंबर को 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1079 थी। इस समय उच्च न्यायालय 666 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहे हैं और इनमें जबकि 413 पद रिक्त हैं.
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