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शिवराज के लिए कैसे मददगार होगा भोपाल एनकाउंटर

शिवराज चौहान ने अपनी आतंकवाद विरोधी साख यह बताकर बरकरार रखी है कि वह कैसे राज्य के मालवा और निमार क्षेत्र में सिमी से लड़ रहे हैं.

Updated On: Nov 18, 2016 07:17 AM IST

Sandipan Sharma Sandipan Sharma

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शिवराज के लिए कैसे मददगार होगा भोपाल एनकाउंटर

विराट भगवा परिवार में सभी तीस मार खान को प्यार करते हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हीं में से एक हैं.

कहानियों के मुताबिक तीस मार खान बहुत खूंखार था. माना जाता है कि वह एक बार में तीस लोगों को मार देता था.

वह अपने खाने के इर्द-गिर्द मंडराने वाली मक्खियों को मसल देता था. लेकिन उसकी प्रशंसा हीरो के रूप में की जाती है.

इसकी वजह यह है जिसने यह कहानी सुनाई वह पीड़ितों के कष्ट का जिक्र करना भूल गया.

सोमवार को जब मध्य प्रदेश पुलिस ने सिमी के आठ जवानों को भोपाल के बाहर इनकाउंटर में मार डाला तब चौहान ने बताया कि उनके राज्य का आतंकवाद से मुकाबला करने का इतिहास रहा है.

हालांकि ज्यादातर मामलों में पीड़ित निहत्थे, घिरे और फंसे हुए थे. अभी कथित तौर पर इस घटना के जो वीडियो दिखाए जा रहे हैं उसमें पीड़ित आत्मसमर्पण के लिए तैयार दिख रहे थे.

लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें फंसी हुई मक्खियों की तरह मसल दिया. हिंदुत्व परिवार में सिमी कार्यकर्ताओं को मारना वाहवाही और साहस का काम माना जाता है.

सिमी एनकाउंटर का सियासी कनेक्शन

वर्षों से शिवराज चौहान ने अपनी आतंकवाद विरोधी साख यह बताकर बरकरार रखी है कि वह कैसे राज्य के मालवा और निमार क्षेत्र में सिमी से लड़ रहे हैं.

सोमवार की घटना ने मध्य भारत में उनकी छवि कट्टरपंथी इस्लामियों के खिलाफ सबसे बड़े रक्षक की बना दी. चौहान सरकार राज्य की जेलों में बंद ज्यादातर सिमी कार्यकर्ताओं का दोष साबित करने में नाकाम रही है.

आंकड़ों के मुताबिक राजद्रोह, गैर कानूनी गतिविधियों और बैंक डकैती के मामले में सिमी के 29 सदस्य हाई सिक्योरिटी वाले भोपाल जेल में बंद हैं. लेकिन सरकार सिर्फ एक कार्यकर्ता अबू फैजल का दोष साबित कर पाई है.

उसे कथित तौर पर सिमी की मध्य प्रदेश शाखा का मुखिया बताया जाता रहा है. फैजल पर 2013 में आतंकवाद निरोधक दस्ते के एक कांस्टेबल को मारने का दोष साबित हुआ है. ज्यादातर मामलों में आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं. इनमें से आठ अंडरट्रायल कैदी भोपाल की हाई सिक्योरिटी जेल तोड़कर और एक सुरक्षाकर्मी को मार कर भाग जाते हैं. इन्हें अचारपुरा गांव में मार दिया जाता है.

इस मामले में उनके भागने के हालात, शूटिंग का वीडियो फुटेज, राज्य की पुलिस और गृहमंत्री का विरोधी बयान इनकांउटर की घटना को संदिग्ध बनाते हैं. लेकिन यह घटना चौहान के लिए बेहतर समय नहीं लाई. भाजपा की खुशी साफ थी. जब पार्टी इसकी खुशी मना रही थी तो तुरंत चौहान ने अपने जवानों की पीठ थपथपायी.

आतंकियों को रोकने की कोशिश में मारे गए सुरक्षाकर्मी रमा शंकर के परिवार से पार्टी या सरकार की तरफ से कोई नहीं पहुंचा. परिवार का दर्द बांटने के बजाय मिठाई और पटाखे मंगा लिए गए.

शिवराज के लिए राहत की बात

पिछले कुछ महीनों से चौहान पर पार्टी के अंदर और बाहर से दबाव बढ़ रहा था. अमित शाह से नजदीकी के चलते उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के पदानुक्रम पर सवाल उठा चुके हैं.

चौहान कुछ साल पहले तक राज्य में पार्टी के गैरविवादित नेता माने जाते थे. लेकिन अब कैलाश विजयवर्गीय को उनका संभावित रिप्लेसमेंट माना जा रहा है. इसके अलावा राज्य पुलिस और आरएसएस के संबंध भी चरम पर है. लिहाजा लगातार टकराव के कारण कई वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटना पड़ा है. दो खाकी वर्दी वालों के बीच के टकराव ने चौहान को अप्रिय स्थिति में डाल दिया है.

सिमी कार्यकर्ताओं के इनकांउटर की घटना ने उनकी आतंकवाद विरोधी छवि बना दी है. चौहान अब राहत की सांस ले सकते हैं.

तीस मार खान की कहानी अब अगले कुछ दिनों तक राज्य में चलती रहेगी और उनके विरोधी शांत रहेंगे.

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