दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक अन्य मामले में गुरुवार को होने वाली सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए टल गई है. सज्जन कुमार के मुख्य वकील अनिल शर्मा के कोर्ट में पेश न होने के कारण कोर्ट की सुनवाई स्थगित कर दी गई. कोर्ट में इस सुनवाई के दैरान गवाहों से पूछताछ की जानी थी. लेकिन अनिल शर्मा के कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण पूछताछ नहीं हो सकी. ऐसे में इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
1984 anti-Sikh riots case: Hearing was adjourned as Sajjan Kumar's main counsel Anil Sharma didn't appear before Patiala House Court today for cross examination of witnesses in the case https://t.co/miuREl1hHQ
— ANI (@ANI) December 20, 2018
कुमार पर सिखों की हत्या करने के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है. नानावटी कमीशन की सिफारिश पर दर्ज किया गया सीबीआई का यह दूसरा केस है.
1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े केस के वकील एचएस फुल्का ने कहा कि,' मैंने पीड़ितों को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट में न जाएं, क्योंकि अगर दोनों पक्ष अपील फाइल करते हैं, तो कोर्ट विस्तार से सुनवाई करेगा. बजाए इसके हमें सज्जन कुमार की अपील को जल्द से जल्द खारिज किए जाने पर ज़ोर देना चाहिए... मृत्यु तक आजीवन कारावास की सज़ा मृत्युदंड से बेहतर सजा है.
HS Phoolka,advocate,1984 riots case: I've advised victims not to move SC bcos if both sides file appeal, court will hear in detail. We should rather press for dismissal of Sajjan Kumar's appeal at the earliest. Life imprisonment till death is better punishment than death sentence pic.twitter.com/yg1l0p5UhF
— ANI (@ANI) December 20, 2018
सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश सुल्तानपुरी में सुरजीत सिंह की हत्या से जुड़े मामले में हत्या और दंगे फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
गवाह छम कौर ने 16 नवंबर को अदालत में कुमार की पहचान उस व्यक्ति के तौर पर की थी जिसने सिखों की हत्या के लिए भीड़ को कथित तौर पर भड़काया था. कौर ने अदालत को बताया था, ‘31 अक्टूबर 1984 को हम इंदिरा गांधी की हत्या के बारे में टीवी पर देख रहे थे. एक नवंबर 1984 को जब मैं अपनी बकरी को देखने के लिए नीचे उतरी तो मैंने देखा कि सज्जन कुमार भीड़ को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं ‘हमारी मां मार दी. सरदारों को मार दो.’
उन्होंने आगे कहा कि अगली सुबह उन पर हमला किया गया जिसमें उसके बेटे और पिता की हत्या कर दी गई. कौर से पहले अभियोजन की एक अन्य गवाह शीला कौर ने भी कुमार की पहचान उस व्यक्ति के तौर पर की जिसने सुल्तानपुरी में भीड़ को उकसाया था.
इससे पहले सिख दंगों के एक मामले में दोषी पाए गए थे सज्जन कुमार
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख दंगों के एक अन्य मामले में 17 दिसंबर को सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने कहा था कि ये दंगे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ थे जिन्हें उन लोगों ने अंजाम दिया जिन्हें ‘राजनीतिक संरक्षण’ हासिल था. इस दौरान एक ‘उदासीन’ कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इनकी सहायता की. इस ममाले में सज्जन कुमार को षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया. फैसले के अगले ही दिन सज्जन कुमार ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सज्जन कुमार को पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 में दंगों में 5 सिखों के मारे जाने और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारा जलाने के मामले में दोषी ठहराया गया है. यह घटना 1-2 नवंबर, 1984 की दरम्यानी रात को हुई थी. हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने को कहा है.
(भाषा से इनपुट)
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